‘जेएनयू एमफिल और पीएचडी दाखिले के परिणाम घोषित करें’

Edited By pooja,Updated: 18 Jul, 2018 11:18 AM

declare results of jnu mphil and phd admission

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को निर्देश दिया कि वह अशक्त छात्रों के लिये नहीं भरी जा सकी पांच फीसदी सीटों

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को निर्देश दिया कि वह अशक्त छात्रों के लिये नहीं भरी जा सकी पांच फीसदी सीटों को छोड़कर मौजूदा शैक्षणिक सत्र के लिये एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिले के नतीजे तत्काल घोषित करे।
         

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूॢत सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि उसने पहले समूची प्रक्रिया पर नहीं बल्कि, एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में सिर्फ अशक्त छात्रों के लिए नहीं भरी जा सकी पांच फीसदी सीटों के लिये दाखिले पर रोक लगाई थी।  पीठ ने कहा आपने नतीजे क्यों घोषित नहीं किये हैं। हमने विश्वविद्यालय को अन्य नतीजे घोषित करने से नहीं रोका था। आप परिणाम घोषित करने के लिये बाध्य हैं। अधिकारियों को तत्काल परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया जाता है। अदालत नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 

याचिका में शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिये जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की दाखिला नीति को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि दाखिला नीति में साक्षात्कार को 100 फीसदी महत्व दिया गया है, जो अनुचित है।

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