Edited By Riya bawa,Updated: 19 May, 2019 10:42 AM
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में लगातार दाखिले...
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में लगातार दाखिले का क्रेज कम होता जा रहा है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि जेईई एडवांस के चेयरपर्सन ने कहा है। जेईई एडवांस के चेयरपर्सन एमएल शर्मा का कहना है कि आईआईटी में दाखिला लेना अब हर इंजीनियर का सपना नहीं है। उन्होंने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी कई छात्रों ने जेईई एडवांस क्वालिफाई किया था लेकिन बहुत से छात्रों ने आईआईटी में दाखिला नहीं लिया। उन्होंने कहा कि इसी तरह जहां आईआईटी में दाखिले लेने के लिए जेईई एडवांस की परीक्षा देना अनिवार्य है वहीं जेईई मेन परीक्षा पास करने वाले और जेईई एडवांस के लिए 2.45 छात्रों में से कई छात्रों ने जेईई एडवांस परीक्षा 2019 के लिए रजिस्ट्रेशन तक नहीं किया।
जानकारी के अनुसार साल 2019 जेईई मेन्स परीक्षा देने वाले 10 लाख से अधिक परीक्षार्थियोंं में से 2.45 लाख उम्मीदवारों को मेरिट के आधार पर जेईई एडवांस के लिए चुना गया। लेकिन केवल 1.73 लाख उम्मीदवारों ने ही इस परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। वहीं 2018 में 2.31 लाख छात्रों जेईई एडवांस परीक्षा के लिए अनिवार्य चुना गया था। जिसमें से सिर्फ 1.65 लाख उम्मीदवारों ने इस परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। देखा जाए तो लगातार दूसरे साल जेईई एडवांस की परीक्षा के लिए जेईई एडवांस के लिए क्वालीफाई छात्रों ने रुचि नहीं दिखाई है।
एनआईटी का चयन करना चाहते हैं छात्र
जेईई एडवांस परीक्षा में छात्र क्यों नहीं ले रहे रुचि विषय पर आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक शिक्षाविद् संजय गोविंद ढांगे कहते हैं कि इंजीनियरिंग के लिए आईआईटी छात्रों पहली पसंद हुआ करता था और है भी लेकिन सभी छात्र अब आईआईटी के पक्षधर नहीं हैं। वे आईआईटी की तुलना में एनआईटी का चयन करना चाहते हैं। वहीं इन दिनों इंजीनियरिंग के इच्छुक उम्मीदवार अन्य चीजों जैसे नौकरी के लिए बेहतर सीवी तैयार करने इंटर्नशिप आदि करने के लिए भी उत्सुक रहते हैं।