Edited By pooja,Updated: 04 Feb, 2019 11:06 AM
जर्जर हो चुके 99 साल पुराने स्कूल के स्थानांतरण के लिए रक्षा मंत्रालय ने जमीन देने से इंकार कर दिया है। इस पर आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण
नई दिल्ली: जर्जर हो चुके 99 साल पुराने स्कूल के स्थानांतरण के लिए रक्षा मंत्रालय ने जमीन देने से इंकार कर दिया है। इस पर आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण में गई है। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ के समक्ष एक हलफनामे में शिक्षा निदेशालय ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के रुख पर विचार करते हुए उसके पास छात्रों को अगले शैक्षणिक सत्र से दूसरे स्कूलों में भेजने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
आप सरकार ने अदालत से अनुरोध किया कि वह मंत्रालय को स्कूल इमारत बनाने के लिए वैकल्पिक जमीन देने या वह स्थान सौंपने के निर्देश दे जहां स्कूल स्थित है। चर्चा के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि 99 साल पुराना राजपूताना राइफल्स हीरोज मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल अभी मंत्रालय की जमीन पर स्थित है जो छावनी भूमि प्रशासन नियम के मुताबिक नहीं है। सेना और मंत्रालय के प्र्रतिनिधिमंडल ने कहा कि स्कूल स्थानांतरित करने के लिए रक्षा मंत्रालय के पास देने के लिए कोई जमीन उपलब्ध नहीं है और उसने सुझाव दिया कि वहां पढ़ रहे छात्रों को छावनी क्षेत्र में स्थित दिल्ली सरकार के अन्य स्कूलों में भेजा जाए। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हालांकि उच्च न्यायालय के आदेश पर इमारत की मरम्मत कराई गई लेकिन अब यह जर्जर हो चुकी है और असुरक्षित है।
वहीं आप सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि चूंकि केंद्र जर्जर अवस्था में पहुंच चुके 99 साल पुराने स्कूल को स्थानांतरित करने के लिए जमीन देने से इंकार कर रहा है इसलिए वहां पढ़ाई कर रहे छात्रों को अगले शैक्षणिक सत्र से अन्य स्कूलों में भेजा जाएगा।