Edited By Riya bawa,Updated: 28 Jul, 2019 12:49 PM
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के छात्रों ने ...
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के छात्रों ने दिव्यांगों के लिए एक आधुनिक बैसाखी बनाई है। इस बैसाखी का निचला हिस्सा जो जमीन को छूता है इसका आकर मनुष्य के पैरों जैसा है। इस बैसाखी का डिजाइन तैयार करने वाले छात्रों ने बताया कि सरकार द्वारा विकलांगों को दी जाने वाली अलिम्को बैसाखी के मुकाबले इस बैसाखी के सहारे दिव्यांग, चोटग्रस्त या शारीरिक रूप से असक्षम व्यक्ति सड़क, फर्श, चिकनी जमीन पर आसानी से चल सकेंगे। इस बैसाखी को आईआईटी दिल्ली के तीन छात्रों ने डिजाइन किया है जिनके नाम हैं श्रीनिवास अदेपु, गिरीश यादव और अरविंद एसए।
बैसाखी को बनाने की प्रेरणा के सवाल पर छात्र श्रीनिवास ने बताया कि उनके एक दोस्त को चोट लगने की वजह से वह चल फिर नहीं पा रहा था। दोस्त की ऐसी स्थिति को देखकर ही यह ख्याल आया कि क्यों ना एक ऐसा उपकरण तैयार किया जाए जिससे इस तरह शारीरिक रूप से अस्वस्थ या असक्षम व्यक्ति आसानी से जमीन पर चल सके।
बैसाखी तो सरकार, एनजीओ, सामाजिक संस्थान भी देते हैं दिव्यांगों को फिर इस बैसाखी में क्या खास है के जवाब में श्रीनिवास ने बताया कि सरकार द्वारा जो बैसाखी दिव्यांगों को दी जाती है उसका निचला सिरा गोल होता है और रबर का बना होता है। इसकी वजह से वह जल्दी घिसकर खराब हो जाता है। जिससे दिव्यांगों को चलने में परेशानी होती है क्योंकि जब भी हम चलते हैं तो हमारे शरीर का भार पैरों पर पड़ता है। लेकिन जो बैसाखी दिव्यांग इस्तेमाल करते हैं उसका सिरा गोल होने के नाते उनका पूरा वजन शरीर पर पड़ता है इससे उनके कंधों व हांथों में गांठ पड़ जाती है। इसलिए इस बैसाखी का निचला सिरा मनुष्य के पैरों की तरह डिजाइन किया गया है ताकि इसका इस्तेमाल हर तरह की सतह पर किया जा सके।
श्रीनिवास ने बताया कि वैसे भी सरकार ने 1988 में पहला डिजाइन बनाया था। दशकों से देश को बैसाखी के नए डिजाइन की जरूरत थी। इस बैसाखी को उन्होंने तकरीबन 100 विकलांगों पर टेस्ट किया है। उनकी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद ही इसे बाजार में लाने की तैयारी की जा रही है। इसमें तीन विकल्प होंगे छोटी हाइट, मीडियम हाइट और अधिक हाइट के अनुसार इसे खरीदा जा सकेगा। गिरीश यादव ने बताया कि इस बैसाखी को फ्लेक्समोटिव के नाम से 9 अगस्त में आधिकारिक रूप से बाजार में लांच किया जाएगा।