Edited By Sonia Goswami,Updated: 23 Jan, 2019 11:33 AM
दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) की दाखिला समिति की मंगलवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। शैक्षिक सत्र 2019-20 के लिए पांच से छह कटऑफ में ही दाखिला प्रक्रिया को पूरा करने पर जोर रहेगा। इस पर बैठक में चर्चा की गई।
नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) की दाखिला समिति की मंगलवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। शैक्षिक सत्र 2019-20 के लिए पांच से छह कटऑफ में ही दाखिला प्रक्रिया को पूरा करने पर जोर रहेगा। इस पर बैठक में चर्चा की गई।
बैठक में हुई चर्चा पर विस्तार से डीयू की दाखिला समिति के अध्यक्ष प्रो. राजीव गुप्ता ने बताया कि हमारी कोशिश है कि इस साल बेहद पारदर्शी तरीके से दाखिला प्रक्रिया पूरी की जाए। बीते साल तक आरक्षित वर्ग - अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए कटऑफ प्रक्रिया पूरी होने के बाद विशेष अभियान चलाया जाता था। इसमें उनकी सीटों को भरा जाता था, लेकिन इस साल तीसरी कटऑफ के बाद ही आरक्षित वर्ग की सीटों को भरने के लिए अभियान चलेगा। साथ ही प्रवेश लेते समय छात्र सीमित प्रमाण पत्रों को जमा कराकर दाखिला ले सकेंगे।
प्रो. राजीव गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को इन सब मामलों पर चर्चा हुई है। इन सभी पर फरवरी तक नियम बना लिए जाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि मई के दूसरे हफ्ते से स्नातक और पीजी कोर्स के दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू किए जा सकते हैं। डीयू में स्नातक पाठ्यक्रम के लिए कुल 56 हजार सीटें हैं, जिनमें देश भर के तीन लाख से ज्यादा छात्र आवेदन करते हैं। दाखिला प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू किए जाएंगे।
केंद्रीय तरीके से कुछ कॉलेजों में होंगे दाखिले
प्रो. राजीव गुप्ता ने बताया कि डीयू में केंद्रीय तरीके से कुछ दाखिले किए जाएंगे। इसका मतलब है कि कॉलेजों में कुछ कोर्स के दाखिले के लिए सीधे विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार होगा।
दाखिला रद करने के मिलेंगे कम अवसर
प्रो. राजीव गुप्ता ने कहा कि छात्र कई बार किसी भी कॉलेज में दाखिला लेने के बाद दूसरे कॉलेज में नंबर आता है तो दाखिला रद करवा लेते हैं। इससे कटऑफ ज्यादा निकाली जाती है। इस साल हम कोशिश करेंगे कि छात्रों को दाखिला रद करने के कम अवसर मिलें।
छात्र अपने फॉर्म में सुधार कर सकेंगे
डीयू की दाखिला समिति की तरफ से यह प्रणाली भी विकसित की जाएगी कि छात्र ऑनलाइन आवेदन के समय अपने फॉर्म की गलतियों को ठीक कर सकें। यह एक बड़ा निर्णय होगा, जिसके जरिए छात्रों को काफी सहूलियत मिलेगी।