Edited By pooja,Updated: 16 Oct, 2018 10:24 AM
दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) की शनिवार 13 अक्तूबर को शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में हिंदी भाषा और बोध अनुभाग के एक प्रश्न
नई दिल्ली : दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) की शनिवार 13 अक्तूबर को शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में हिंदी भाषा और बोध अनुभाग के एक प्रश्न में जातिसूचक शब्द का प्रयोग किया गया था। प्रश्न पत्र में अनुसूचित जाति की एक जाति विशेष और समुदाय को लेकर प्रश्न पूछा गया था और जो सवाल बोर्ड ने परीक्षा में पूछा गया था, उसे लेकर जाति विशेष में गहरा रोष है।
13 अक्टूबर को आयोजित हुई इस परीक्षा में "हिंदी भाषा और बोध" सेक्शन में छात्रों से सवाल पूछा गया था कि अगर पंडित की पत्नी को पंडिताइन कहते हैं तो अनुसूचित जाति (SC) के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्द के अपोजिट पत्नी को क्या कहा जाएगा?
वहीं, जैसे ही ये सवाल छात्रों ने पढ़ा, उन्होंने इस पर आपत्ति जताना शुरू कर दिया। छात्रों ने सवाल किया परीक्षा में समुदायों के बारे में सवाल पूछकर सरकार क्या जताना चाहती हैं? वहीं, इस तरह के एक सवाल पूछकर, डीएसएसएसबी शिक्षकों को गलत सीख देने के साथ- साथ माहौल को खराब कर रहा है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी, एसटी ओबीसी टीचर्स फोरम के चेयरमैन प्रो. हंसराज सुमन ने कहा है कि परीक्षा में जो प्रश्न पूछा गया है उसको लेकर उन्होंने मौरिस नगर पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही उन्होंने एससी, एसटी के कल्याणार्थ संसदीय समिति व राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में भी शिकायत की है। इसके साथ-साथ दिल्ली के शिक्षामंत्री, मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, केन्द्रीय गृहमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांग की है कि बोर्ड के चेयरमैन को तत्काल बर्खास्त किया जाए और भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थियों से इस तरह के सवाल न पूछे जाए।