Edited By pooja,Updated: 05 Nov, 2018 11:31 AM
राजधानी में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने को लेकर दिल्ली सरकार अपनी पीठ थपथपाती है। लेकिन, असल में सरकारी स्कूल के छात्रों के प्रदर्शन में गिरावट दर्ज की गई है।
नई दिल्ली: राजधानी में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने को लेकर दिल्ली सरकार अपनी पीठ थपथपाती है। लेकिन, असल में सरकारी स्कूल के छात्रों के प्रदर्शन में गिरावट दर्ज की गई है।
दरअसल, शिक्षा निदेशालय द्वारा हाल ही में स्कूलों के अर्धवार्षिक परिणाम का विश्लेषण किया गया है, जिसमें में सरकारी स्कूल के छात्रों का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा है। विश्लेषण के मुताबिक 9वीं कक्षा का औसतन परिणाम 20, 10वीं का 30 और 11वीं और 12वीं कक्षा का परिणाम 50 फीसदी रहा है। निदेशालय का मानना है कि अंतिम परीक्षा के दौरान परिणाम में सुधार की जरूरत है। शिक्षा निदेशक ने निर्देश दिए हैं कि जब भी शिक्षा निदेशालय के अधिकारी स्कूलों का दौरा करें तो विशेषतौर पर उन शिक्षकों से जरूर मिलें, जिनका परिणाम खराब रहा है। इस दौरान वे उनसे चर्चा करें कि परिणाम को सुधारने के लिए किस तरह की रणनीति बनाई जाए।
गणित और विज्ञान बढ़ा रहे चिंता: सरकारी स्कूलों में मैथ्स और साइंस विषय शुरू से ही चिंता का विषय रहा है। जब भी खराब परीक्षा परिणाम की बात आती है तो मैथ्स और साइंस पर चर्चा होती है। शिक्षा निदेेशालय के मुताबिक छात्र गणित और विज्ञान विषयों में बेहतर प्रदर्शन करें, इसकी पूरी कोशिश की जा रही है। अर्धवार्षिक परीक्षा परिणाम के विश्लेषण करने के बाद शिक्षा निदेशालय ने इन दोनों विषयों पर जोर देने का फैसला लिया है।