Edited By pooja,Updated: 11 Feb, 2019 09:50 AM
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में एडहॉक की जगह गेस्ट टीचर्स को नौकरी दिए जाने का फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस द्वारा विरोध किया जा रहा है।
नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में एडहॉक की जगह गेस्ट टीचर्स को नौकरी दिए जाने का फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस द्वारा विरोध किया जा रहा है। फोरम के चेयरमैन प्रो. हंसराज सुमन का कहना है कि यह सीधे तौर पर यूजीसी के नियमों की अवहेलना है। उनका कहना है कि अभी तक विद्वत व कार्यकारी परिषद् व डीयू प्रशासन ने भी ऐसा कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है जिस पर यूजीसी के सर्कुलर को ना मानते हुए एडहॉक के स्थान पर गेस्ट टीचर्स को रखा जाए। उन्होंने कहा कि डीयू प्रशासन नहीं चाहता कि स्थाई नियुक्तियां हों इसीलिए गेस्ट फैकल्टी से काम लिया जा रहा है।
प्रो. सुमन का कहना है कि हाल ही में जाकिर हुसैन कॉलेज ने अपने यहां विभिन्न विभागों में 27 पदों पर गेस्ट टीचर्स के विज्ञापन निकाले। इसी तरह साइकोलॉजी विभाग ने 5 पद गेस्ट टीचर्स के लिए निकाले। उक्त कॉलेज ने इंटरव्यू एडहॉक टीचर्स का लिया लेकिन उसके बाद इन पदों को गेस्ट टीचर्स में तब्दील कर दिया। कॉलेज सरेआम यूजीसी नियमों की अवहेलना करते हुए एडहॉक टीचर्स के स्थान पर गेस्ट टीचर्स को रख रहे हैं। हालांकि विश्वविद्यालयों में जहां स्वीकृत पद शैक्षिक वर्कलोड़ को ध्यान में रखते हुए अपर्याप्त है वहां गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति स्वीकृत पदों के 20 प्रतिशत या उससे अधिक हो सकती है। उन्होंने बताया कि गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति की प्रक्रिया उसी तरह होगी जिस प्रकार से नियमित असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए होती है, जबकि नियुक्तियों के लिए निर्मित सलेक्शन कमेटी बैठेगी लेकिन उसकी सरेआम अवहेलना हो रही है।