Edited By pooja,Updated: 07 Jul, 2018 02:01 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उपस्थिति में कमी पर करीब 500 छात्रों को गैरकानूनी रूप से परीक्षा में बैठने से रोकने पर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू)
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उपस्थिति में कमी पर करीब 500 छात्रों को गैरकानूनी रूप से परीक्षा में बैठने से रोकने पर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विधि शिक्षकों की खिंचाई करते हुए पूरक परीक्षाएं आयोजित करने का आदेश दिया।
अदालत ने कहा कि यह संकाय की नाकामी है। विधि छात्रों को राहत देते हुये न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि उपस्थिति में कमी भारतीय बार परिषद (बीसीआई) नियमों के तहत तय न्यूनतम कक्षाएं आयोजित करने में विधि संकाय की नाकामी के कारण हुई। अदालत ने कई निर्देश जारी करते हुये विधि संकाय सदस्यों को आठ सप्ताह के भीतर कम से कम 139 घंटों की अतिरिक्त कक्षाएं उन छात्रों के लिये लगाने का निर्देश दिया जो उपस्थिति में कमी के कारण कक्षाओं में शामिल होने के इच्छुक हैं।
अदालत ने 53 छात्रों द्वारा दायर 21 अलग-अलग याचिकाओं को निपटाते हुये ये निर्देश दिये। इन छात्रों ने सात, आठ और दस मई को विधि संकाय द्वारा जारी ‘मेमोरेंडम’ को चुनौती दी थी जिसमें बीसीआई नियमों द्वारा जरूरी सेमेस्टरों में 70 प्रतिशत हाजिरी नहीं होने पर परीक्षाओं में बैठने से चौथे और छठे सेमेस्टर के कई छात्रों को रोका गया।