डीयू को फंड मिलने पर लग सकती है रोक

Edited By pooja,Updated: 28 Sep, 2018 04:35 PM

due to getting fund it may take a stop

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने गुरुवार को नॉर्थ कैंपस में कार्यकारी परिषद की चल रही बैठक के दौरान डीयू कुलपति कार्यालय के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन किया।

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने गुरुवार को नॉर्थ कैंपस में कार्यकारी परिषद की चल रही बैठक के दौरान डीयू कुलपति कार्यालय के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन किया। वह त्रिपक्षीय समझौते का विरोध कर रहे थे। डूटा द्वारा किए गए इस प्रदर्शन में डीयू के छात्रों ने भी साथ दिया। यह सभी मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), ïविश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के बीच त्रिपक्षीय करार का विरोध कर रहे थे। जिसके चलते बुधवार रात आठ बजे तक कार्यकारी बैठक में एजेंडे के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी थी।

कहा जा रहा है कि, एमएचआरडी ने डीयू को कहा है कि डीयू की कार्यकारी परिषद त्रिपक्षीय समझौते (एमओयू)में हस्ताक्षर करें। हस्ताक्षर न होने की स्थिति में विश्वविद्यालय को मिलने वाले फंड पर भी रोक लग सकती है। सुबह बैठक शुरू होने के साथ ही बड़ी संख्या में छात्र और शिक्षक डीयू कुलपति के कार्यालय के बाहर जुटने लगे। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि एमएचआरडी जबरन त्रिपक्षीय करार पर हस्ताक्षर का दबाव डाल रहा है ताकि यूजीसी से फंड लेने का क्रम जारी रहे। शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि इस एमओयू के जरिए डीयू को यूजीसी से मिलने वाली अनुदान राशि को कम करने का प्रयास चल रहा है। अब ऐसी स्थिति बनने पर विश्वविद्यालय पर उच्च शिक्षा निधि एजेंसी (हेफा) से लोन के रूप में फंड लेने का दबाव बनेगा। यह एक तरह से डीयू जैसे सार्वजनिक वित्तपोषित विश्वविद्यालय की पहचान पर सीधा हमला है। ऐसे में भविष्य में डीयू के कॉलेजों में सेल्फ फाइनेंस कोर्स बड़ी संख्या में शुरू हो जाएगें। इससे बच्चों की फीस कई गुना ज्यादा बढ़ सकती है। इसका सीधा असर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों पर पड़ेगा। 

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