Edited By Sonia Goswami,Updated: 23 Jul, 2018 08:27 AM
सीएचएमएम(CHMM)कॉलेज फॉर एडवांस्ड स्टडीज में बीबीए के दो स्टूडेंट्स के प्रेम संबंध होने पर उनके मां-बाप और कॉलेज प्रबंधन ने एतराज जताया था।
तिरुवनंतपुरमः सीएचएमएम(CHMM)कॉलेज फॉर एडवांस्ड स्टडीज में बीबीए के दो स्टूडेंट्स के प्रेम संबंध होने पर उनके मां-बाप और कॉलेज प्रबंधन ने एतराज जताया था। इसके बाद दोनों के भाग जाने पर लड़की के घरवालों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन इस प्रेमी जोड़े के लिए असल मुश्किल उनके कॉलेज में शुरू हुई। कॉलेज प्रबंधन ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए दोनों को कॉलेज से निष्कासित कर दिया।
इसके बाद इस प्रेमी युगल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस केस का फैसला सुनाते हुए जस्टिस मोहम्मद मुश्ताक ने कहा कि प्यार अंधा होता है और यह एक प्राकृतिक मानवीय भावना है। साथ ही यह किसी का भी निजी मामला है और उसकी आजादी से जुड़ा है। इस केस के लिए डाली गई याचिका में सवाल उठाया गया था कि प्यार एक आजादी है या बंधन?
जस्टिस ने आगे कहा कि प्रेम संबंध के कारण भाग जाने के बाद कॉलेज की ओर से इसे अनुशासनहीनता कहा गया है। ये मैनेजमेंट में बैठे लोगों की निजी सोच हो सकती है। लेकिन कानून के तहत यह किसी भी इंसान का निजी फैसला है। एक पुरुष को महिला के साथ रिश्ता उन दोनों की मर्जी पर निर्भर करता है और संविधान में इसकी पूरी आजादी व्यक्ति विशेष को दी गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में कॉलेज को आदेश दिया कि लड़की को आगे की पढ़ाई पूरी करने की अनुमति दी जाए और लड़के के सर्टीफिकेट भी दिए जाएं।