DUSU Election Result: डूसू चुनाव में कुल मतदान 39.90 प्रतिशत, नतीजे आज

Edited By Riya bawa,Updated: 13 Sep, 2019 10:56 AM

dusu election result 39 90 percent voting in dusu election

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के लिए वीरवार ...

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के लिए वीरवार को मतदान समपन्न हुआ। मतदान के दौरान छात्रों के बीच छुटपुट झड़पों को छोड़क मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। वहीं कुछ स्थानों पर ईवीएम में खराबी की भी सूचना आई। वहीं एनएसयूआई से संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवार अभिषेक चपराणा को दयाल सिंह कॉलेज में पोलिंग बूथ में जाने से पुलिस द्वारा रोका गया और उन्हें दूसरे सेंटर पर भी जाने की इजाजत नहीं दी। डूसू के दौरान किसी भी तरही अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। दो चरणों में हुए मतदान में प्रतिशत मतदान हुआ। शुक्रवार को किंग्सवे कैंप में सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी।  

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के लिए बुधवार को 52 केंद्रों पर मतदान हुआ। सुबह की पाली में चलने वाले कॉलेजों में सुबह 8.30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम की पाली में चलने वाले कॉलेजों में शाम 3:00 बजे से 7:30 बजे तक मतदान हुआ। डूसू चुनाव के लिए इसबार चुनाव मैदान में कुल 16 प्रत्याशी ताल ठोंक रहे है। इनमें अध्यक्ष पद पर चार,उपाध्यक्ष पद पर सबसे अधिक पांच, सचिव पद पर सबसे कम तीन और सह-सचिव पद पर चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। 

नॉर्थ कैंपस में मतदान के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) व भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली। दोनों छात्र संगठनों के नेता कैंपस में जमे रहे। डीयू छात्रसंघ के कई पूर्व पदाधिकारी भी नॉर्थ कैम्पस में दिखाई दिए।  वहीं बाहरी दिल्ली व देहात के कॉलेजों में दोनों के बीच टक्कर देखने को मिली। कुल मिलाकर इस बार एक-दो स्थानों पर कॉलेज में प्रत्याशी समर्थकों के घुसने या ईवीएम खराब होने के चलते हल्का फुल्का हंगामा हुआ,अन्यथा मतदान शांतिपूर्ण तरीके से निपट गया। 

बिना आइकार्ड प्रवेश नहीं: चुनाव के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मतदान स्थल पर पहुंचने से पहले कॉलेज के प्रवेश द्वार व छात्रा मार्ग पर छात्र-छात्राओं की जांच की जा रही थी। किसी भी बाहरी छात्र का प्रवेश पूरी तरह वर्जित था। इसलिए सभी छात्र-छात्राएं अपने आइकार्ड लेकर कैंपस में आए थे। प्रवेश द्वार पर पुलिस की जांच के बाद अंदर अधिकारी आईकार्ड देख रहे थे। 

नियमों की अवहेलना न हो इस पर रहा पूरा ध्यान 
डीयू छात्रसंघ (डूसू) चुनाव के लिए नियुक्त अधिकारी मतदान के दौरान विभिन्न केंद्रों पर घूम-घूमकर प्रत्याशियों के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े साक्ष्य एकत्र करते नजर आए। डीयू प्रशासन की ओर से कई मतदान केंद्रों पर वीडियो रिकार्डिंग की व्यवस्था की गई थी। 

मतदान को जाने वालों को बताते रहें पैनल का बैलेट नंबर
मतदान के दौरान एनएसयूआई और एबीवीपी के कार्यकर्ता नॉर्थ कैम्पस में जमे रहें। दोनों तरफ से मतदान के लिए आने वाले छात्रों को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए जाते समय अंदर घुसने तक अपने पक्ष में वोट डालने के लिए प्लीज वोट कह अपने संगठन के लिए वोट मांगते दिखाई दिए। मतदान करने से पहले अंदर घुसने से पहले लाइन में लगने तक दोनो संगठन अपने अपने पैनल का बैलेट नंबर बोल-बोलकर पूरे पैनल को वोट करने की अपील करते रहें।

एबीवीपी बोली हमारी डूसू में जीत सुनिश्चित
एबीवीपी राष्ट्रीय मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी ने कहा कि डीयू छात्र के साथ ही कॉलेज छात्र में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं व समर्थित प्रत्याशियों ने डीयू के लगभग 30 से ज्यादा कॉलेजों में विभिन्न पदों पर जीत हासिल की है। अधिकतर कॉलेजों में विद्यार्थी परिषद का पूर्ण पैनल जीत कर आया है और डूसू में भी हम जीतेंगे। वहीं एबीवीपी प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने दावा किया कि एबीवीपी चारों सीट जीत रही है। हम एक बेहतर एवं पारदर्शी छात्रसंघ दिल्ली विवि के छात्रों को देने के लिए तैयार हैं। सिद्धार्थ ने कह किचुनाव के दौरान जिस प्रकार से एनएसयूआई के प्रत्याशियों ने दयाल सिंह कॉलेज और रामजस कॉलेज सहित कई जगहों पर विवाद की स्थिति उत्पन्न की वह निंदनीय है और इनकी हार की हताशा में बौखलाहट को दिखा रहा है । 

प्रशासन-एबीवीपी की मिलीभगत सामने आई: एनएसयूआई
एनएसयूआई राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी नीरज मिश्रा का कहना है कि डूसू चुनाव में प्रशासन व भाजपा समर्थित एबीवीपी की मिलीभगत का सच हर बार की तरफ एक बार फिर से सामने आ गया है। एनएसयूआई के संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवार अभिषेक चपराना को दयाल सिंह कालेज मे असंवैधानिक तरीके से गिरफ्तार करना और आर्यभट्ट कालेज मे एनएसयूआई के सचिव पद के उम्मीदवार आशीष लांबा की इवीएम मशीन मे खराबी से साफ जाहिर हो चुका है कि डीयू का पूरा प्रशासन शाम, दाम, दंड, भेद का इस्तेमाल कर पूरी तरह से एनएसयूआई को हराने में जुट गया है। जो दर्शाता है की अब डीयू मे भी तानाशाही शुरू हो चुकी है तथा सत्ता के सामने घुटने टेकता डीयू प्रशासन छात्र संघ चुनाव नही बल्कि तानाशाही स्थापित कराने के लिये चुनाव करवा रहा है। हमें इसके बावजूद अपनी मेहनत और संघर्ष के साथ छात्रों के समर्थन का पूरा विश्वास है, कि इनसबके बावजूद डूसू में एनएसयूआई का प्रचम लहराएंगे। 

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