Edited By Sonia Goswami,Updated: 03 Nov, 2018 02:08 PM
देहरादून में शिक्षकों को गलत तरीके से उच्चीकृत देने का मामला अभी सुलझा भी नहीं कि शिक्षा अफसरों का एक नया कारनामा सामने आ गया।
देहरादूनः देहरादून में शिक्षकों को गलत तरीके से उच्चीकृत देने का मामला अभी सुलझा भी नहीं कि शिक्षा अफसरों का एक नया कारनामा सामने आ गया। ताजा मामला हाईकोर्ट के आदेश पर शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षकों का है। औपबंधिक रूप से नियुक्त इन सहायक अध्यापकों को कुछ जिलों में इंक्रीमेंट दे दिया गया। मामला सामने आने पर अफसरों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। संपर्क करने पर अपर निदेशक-बेसिक वीएस रावत ने बताया कि सभी सीईओ से इस बाबत जानकारी मांगी गई है। सभी जिलों से इंक्रीमेंट पाने वाले शिक्षा मित्र सहायक अध्यापकों की संख्या ली जा रही है।
यह है मामला
हाईकोर्ट के आदेश पर पांच जनवरी 2015 को शिक्षा विभाग ने टीईटी विहीन 1500 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया था। इनकी नियुक्ति स्थायी नहीं थी। हाईकोर्ट में जारी एक केस की सुनवाई के दौरान मिले निर्देश के अनुसार यह केवल औपबंधिक नियुक्ति थी। यदि हाईकोर्ट टीईटी को अनिवार्य करता तो टीईटी विहीन शिक्षा मित्रों की नौकरी समाप्त हो जाती। पर हरिद्वार, टिहरी समेत कुछ जिलों में पांच जनवरी 2015 से इन समायोजित शिक्षकों को इंक्रीमेंट भी देना शुरू कर दिया गया।
यह बेहद गंभीर मामला है। इंक्रीमेंट नियमित नियुक्ति के बाद दिया जाता है। गलत ढंग से इंक्रीमेंट देने वाले अफसरों का जवाब तलब किया जा रहा है। उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।
वीएस रावत, अपर निदेशक-बेसिक
एक ही राज्य में एक ही विभाग में दोहरे मानक अपनाए जा रहे हैं। कुछ लोगों को इंक्रीमेंट दिया जा रहा है और कुछ को नहीं। सरकार को जल्द उचित कार्रवाईकरनी चाहिए, जिससे यह विसंगति खत्म हो सके।
सूर्य सिंह पंवार, अध्यक्ष, टीईटी उत्तीर्ण प्रा.शिक्षक संघ