CBSE पेपर लीक मामले से दिल्ली के स्कूलों में शिक्षा के स्तर की पोल खुली

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Mar, 2018 11:13 AM

education level in delhi schools open from cbse paper leak case

केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार के दावे बेशक किए जा रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे सभी दावे पूरी तरह से खोखले हैं।

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार के दावे बेशक किए जा रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे सभी दावे पूरी तरह से खोखले हैं। दिल्ली सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में साल दर साल शिक्षा के बजट में वृद्धि करने के बावजूद शिक्षा का स्तर बद से बदतर होता जा रहा है। लगता है सरकार शिक्षा के स्तर में सुधार से अधिक चारदीवारियों तथा सीसीटीवी कैमरों को महत्व देती है। 

नेंशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) द्वारा हाल ही में सातवें आल इंडिया स्कूल एजुकेशन सर्वेक्षण के आंकड़ों में जो चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं वे आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा दिल्ली में शिक्षा में सुधार को लेकर किए जा रहे झूठे  प्रचार के विपरीत शिक्षा क्षेत्र में बुरी तरह असफलता की और इशारा करते हैं। रिपोर्टों के अनुसार दिल्ली का नाम उन पांच राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों की सूची में है जिनका प्रदर्शन सबसे अधिक खराब है। अध्ययन के परिणामों  के आधार पर 8 वी कक्षा के बच्चों की अंग्रेजी विषय की स्थिति सर्वाधिक दयनीय है। गणित विषय में तीसरी कक्षा के बच्चों की अध्ययन की स्थिति न्यूनतम स्तर से दूसरे नंबर पर है। 


इससे पहले दूसरी एजेंसियों ने भी राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षा के खराब स्तर को लेकर सवाल खड़े किए हैं। दिल्ली में 8 वी कक्षा में अध्ययन कर रहे केवल 32 प्रतिशत विद्यार्थी अंग्रेजी भाषा तथा 34 प्रतिशत विद्यार्थी गणित से संबंधित प्रश्नो का सही उत्तर दे पाए। तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों में केवल 54 प्रतिशत बच्चे गणित तथा 58 प्रतिशत बच्चे अंग्रेजी भाषा से संबंधित प्रश्नों का सही उत्तर दे पाए। इसी तरह सर्वेक्षण के अनुसार पांचवीं कक्षा में केवल 44 प्रतिशत बच्चे गणित व 52 प्रतिशत बच्चे अंग्रेजी 
भाषा के  सही उत्तर दे पाए।

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वर्ष 2017 की अपनी प्रगति रिपोर्ट में दर्शाया कि दिल्ली में कोई भी बच्चा पीछे नहीं छूटेगा तथा सभी बच्चों की दिलचस्पी का पूरा ध्यान रखा जाएगा। परन्तु आम आदमी पार्टी सरकार की उपलब्धियां इसके विपरीत स्थिति की ओर इशारा करती हैं।
 

उन्होंंने कहा कि बजट प्रावधानों में बढ़ोतरी के बावजूद स्कूल छोडऩे वाले बच्चों पर सरकार रोक नहीं लगा पाई है। प्रोफेसर जानकी राजन के अनुसार यह आश्चर्य का विषय है कि शिक्षा मंत्री को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री का अवार्ड मिल रहा है, जहां के विधार्थी पढऩे में ही असमर्थ है।
 

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