Edited By rajesh kumar,Updated: 09 Apr, 2021 02:42 PM
यह क्रियान्वयन योजना शिक्षा की समवर्ती प्रकृति को ध्यान में रख कर विकसित की गई है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस योजना के क्रियान्वयन में स्थानीय संदर्भ को शामिल करने की एवं आवश्यकतानुसार संशोधन करने की छूट भी दी गई है।
एजुकेशन डेस्क: केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने पिछले साल जुलाई में जारी की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को प्राप्त करने और इस दिशा में राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता करने के लिए स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा बनाई गई सांकेतिक एवं सुझावात्मक क्रियान्वयन योजना- सार्थक (स्टूडेंट्स एंड टीचर्स होलिस्टिक एडवांसमेंट थ्रू क्वालिटी एजुकेशन) को गुरुवार को यहां लांच किया।
यह क्रियान्वयन योजना शिक्षा की समवर्ती प्रकृति को ध्यान में रख कर विकसित की गई है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस योजना के क्रियान्वयन में स्थानीय संदर्भ को शामिल करने की एवं आवश्यकतानुसार संशोधन करने की छूट भी दी गई है। यह सांकेतिक योजना अगले 10 वर्ष के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की रुपरेखा तथा मार्ग तय करती है, जो इसके सुचारु क्रियान्वयन के लिए अति महत्वपूर्ण है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की विभिन्न सिफारिशों एवं इसके क्रियान्वयन के लिए रणनीति बनाने के लिए 25 सितंबर 2020 को शिक्षक पर्व का भी आयोजना किया गया था जिसमें 15 लाख सुझाव प्राप्त हुए थे।
डॉ निशंक ने कहा, 'सार्थक को एक विकासशील दस्तावेज़ के रूप में तैयार किया गया है जो मुख्य रूप से सांकेतिक एवं सुझावात्मक। इसे समय-समय पर विभिन्न हितधारकों से प्राप्त इनपुट एवं फीडबैक के आधार पर अपडेट किया जाएगा।' उन्होनें कहा कि ‘सार्थक’,बच्चों और युवाओं को वर्तमान और भविष्य की विभिन्न राष्ट्रीय एवं वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और उनमें भारतीय परंपरा, संस्कृति और मूल्य प्रणाली के साथ 21 वीं सदी के कौशलों को भी विकसित करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।