Edited By Sonia Goswami,Updated: 10 Aug, 2018 10:53 AM
पिछले कई वर्षों से पंजाब के एडिड कालेजों में खाली पड़े अध्यापकों के पद न भरने पर हाईकोर्ट ने सख़्त लहजा अपनाते सरकार से जवाब मांगा है। सरकार ने चार हफ़्तों में इस सम्बन्धित हलफनामा देने का भरोसा दिलाया है। इस के साथ ही सुनवाई 11 सितम्बर पर डाल दी है।
चंडीगढ़ः पिछले कई वर्षों से पंजाब के एडिड कालेजों में खाली पड़े अध्यापकों के पद न भरने पर हाईकोर्ट ने सख़्त लहजा अपनाते सरकार से जवाब मांगा है। सरकार ने चार हफ़्तों में इस सम्बन्धित हलफनामा देने का भरोसा दिलाया है। इस के साथ ही सुनवाई 11 सितम्बर पर डाल दी है।
दरअसल जगवंत सिंह तथा एक अन्य व्यक्ति ने लोकहित पटीशन दाख़िल कर हाईकोर्ट का ध्यान केंद्रित किया था कि सरकार से सहायता प्राप्त कालेजों में अध्यापकों तथा गैर -अध्यापकों के पद खाली पड़े हैं । भरती पर साल 2005 से पाबंदी लगी हुई है। इस पटीशन पर सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि पंजाब के कालेजों में सहायक लैक्चररों स्तर के अध्यापकों के 1925 पद खाली पड़ें हैं जिस कारण गैर -अध्यापक स्टाफ भी भर्ती किया जाना है।
हाईकोर्ट ने भर्ती का शैड्यूल मांगा था और सरकार ने कहा था कि कालेज अध्यापकों की एक साथ इतनी बड़ी भर्ती करना मुश्किल है। मार्च 2015 तक 484, मार्च 2016 तक 484 और मार्च 2017 तक 957 पद भर लिए जाएंगे। हाईकोर्ट ने इस पटीशन का निपटारा कर कहा था कि सरकार इन पदों का काडर रिविऊ करेगी। सरकार की तरफ से पक्की भर्ती करने की बजाय पहले दौर में ठेका आधार पर भर्ती की जाने लगी तो हाईकोर्ट के हुक्म का उल्लंघन किए जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा। इस मामले में पटीशनरों की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट गुरिन्दरपाल सिंह ने बताया कि सरकार ने भरोसा दिलाया था कि पकी भर्ती जल्द ही मुकम्मल कर लिए जाएगी। अब हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है कि कालेज अध्यापकों की पकी भरती कब तक हो जाएगी पर।