Edited By Sonia Goswami,Updated: 28 Aug, 2018 10:37 AM
सरकारी स्कूलों की पढ़ाई को लेकर छवि ज्यादा अच्छी नहीं रहती है। आमतौर पर माना जाता है कि सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों से अच्छी पढ़ाई नहीं होती। हालांकि अब सरकारी स्कूल भी बच्चों को पढ़ाने के लिए नए तरीके आजमा रहे हैं, जिसकी वजह से छात्रों को न केवल...
सरकारी स्कूलों की पढ़ाई को लेकर छवि ज्यादा अच्छी नहीं रहती है। आमतौर पर माना जाता है कि सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों से अच्छी पढ़ाई नहीं होती। हालांकि अब सरकारी स्कूल भी बच्चों को पढ़ाने के लिए नए तरीके आजमा रहे हैं, जिसकी वजह से छात्रों को न केवल पढ़ने में मजा आ रहा है बल्कि उनका सामान्य ज्ञान भी बढ़ रहा है। यह बात है रांची के बरियातू इलाके के एक सरकारी स्कूल की, जहां अनोखे ढंग से बच्चों को पढ़ाई करवाई जाती है।
अलग तरह से होती है अटेंडेंस
यहां बच्चे अटेंडेंस के दौरान यस सर या यस मैम नहीं बोलते हैं, बल्कि इसके स्थान पर छात्र शहरों के नाम या फिर राज्य और उसकी राजधानियों के नाम बोलकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। छात्रों का सामान्य ज्ञान बढ़ाने और उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करने के लिए कई अन्य रोचक प्रयोग भी किए जा रहे हैं। इससे बच्चे खेल-खेल में नई जानकारी हासिल कर पा रहे हैं।
वहीं इन इनोवेटिव तरीकों से छात्रों को पढ़ने में खासा मजा आ रहा है। क्लास की टीचर भी मानती हैं कि इन तरीकों से छात्रों को बड़ा फायदा पहुंच रहा है और बच्चे जल्द ही किसी चीज को समझ पा रहे हैं। स्कूल में अटेंडेंस के दौरान दो छात्रों का ग्रुप बनाया जाता है, जिनमें से एक राज्य का नाम बताता है तो दूसरा उसकी राजधानी का नाम। वैसे ही किसी दिन झारखंड के सभी जिलों के नाम अटेंडेंस के दौरान बताने होते हैं। इसके अलावा छात्रों को विभिन्न उत्पादों के रैपर पर मौजूद जानकारियों को बताया जाता है। कक्षा एकसे चार तक के बच्चो को फूलों, फलों और सब्जियों के नाम बुलवाए जाते हैं।
दरअसल झारखंड के सरकारी स्कूल में इन तरीकों को लागू करवाने के पीछे अरविंदो सोसाइटी का योगदान है। स्कूल के प्रिंसीपल नसीम अहमद के मुताबिक यह प्रयोग झारखंड के सभी स्कूलों में किया जाना है और उनके स्कूल ने इसे लागू करने में पहल की है और इसके अच्छे परिणाम देखने में आ रहे हैं। बच्चों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का यह तरीका काफी कारगर साबित हो रहा है।