Edited By Sonia Goswami,Updated: 26 Sep, 2018 10:24 AM
एडमिशन प्रोसेस में 3 महीने से ज्यादा की देरी के चलते लखनऊ यूनिवर्सिटी के करीब 42 विदेशी छात्रों को दूसरी यूनिवर्सिटीज में जाना पड़ा। बता दें, इस साल यूनिवर्सिटी को विदेशी छात्रों की 52 ऐप्लिकेशन्स मिली थीं।
लखनऊः एडमिशन प्रोसेस में 3 महीने से ज्यादा की देरी के चलते लखनऊ यूनिवर्सिटी के करीब 42 विदेशी छात्रों को दूसरी यूनिवर्सिटीज में जाना पड़ा। बता दें, इस साल यूनिवर्सिटी को विदेशी छात्रों की 52 ऐप्लिकेशन्स मिली थीं।
यूनिवर्सिटी के एक अधिकारी ने बताया, ' मई में ऐडमिशन फॉर्म जमा किए गए थे। 28 अगस्त को वाइस चासंलर की तरफ से सभी 52 ऐप्लिकेशन्स का अप्रूवल मिला लेकिप जब छात्रों को बुलाया गया तो पता चला कि देरी के कारण 52 में से 42 छात्र ने दूसरे इंस्टिट्यूट्स में दाखिला ले लिया।'
नियमों के मुताबिक, अंडरग्रैजुएशन के लिए होने वाले दूसरे छात्रों के एडमिशन के साथ ही विदेशी छात्रों का भी एडमिशन जुलाई तक हो जाना चाहिए। बता दें, एप्लिकेशन फॉर्म्स को पहले रजिस्ट्रार अप्रूव करता है, इसके बाद वाइस चांसलर की अंतिम सहमति होती है लेकिन इस बार फॉर्म वीसी के पास सही समय तक नहीं पहुंचे क्योंकि रजिस्ट्रार ऑफिस ने इन्हें गलती से एडमिशन टीम के पास भेज दिया था जहां ये तीन महीनों तक रखे रहे।
हालांकि, एडमिशन टीम ने ऐसे किसी फॉर्म के मिलने से इनकार किया है। एडमिशन इनचार्ज अनिल मिश्रा का कहना है कि विदेशी छात्रों के एडमिशन का सीधा मतलब एंबेसी और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट सेंटर से होता है। इसमें एडमिशन टीम का कोई रोल नहीं है।
वहीं, मामले पर वाइस चांसलर एसपी सिंह ने कहा, 'मैंने फॉर्म्स को अप्रूव किया था जब मुझे मिले थे। हम पता लगाएंगे कि किसकी वजह से देरी हुई। आगे से ऐसा नहीं होगा।'