Edited By Sonia Goswami,Updated: 27 Sep, 2018 10:47 AM
राजस्थान के गांवों में कई ऐसी महिलाएं हैं, जो अपने पढ़ाई के अधिकार के लिए अपने ही घरवालों से लड़ रही हैं, जिसमें कई पढ़ाई कर आगे भी पढ़ रही हैं।
जयपुरः राजस्थान के गांवों में कई ऐसी महिलाएं हैं, जो अपने पढ़ाई के अधिकार के लिए अपने ही घरवालों से लड़ रही हैं, जिसमें कई पढ़ाई कर आगे भी पढ़ रही हैं। इन महिलाओं में रुपा का नाम भी हैं, जिन्होंने अपने घरवालों से जंग जीतकर पढ़ाई की राह चुनी और आज वो डॉक्टर बनने के लिए एमबीबीएस की तैयारी कर रही हैं।
रूपा की शादी 8 साल की उम्र में हो गई थी और वो उस वक्त तीसरी कक्षा में पढ़ाई कर रही थीं। अपनी शादी के दौरान उन्हें ज्यादा कुछ पता नहीं था, लेकिन वो इस बात से खुश थीं कि उन्हें नए कपड़े मिल रहे हैं और घर पर मिठाइयां बन रही हैं। उन्होंने 10वीं कक्षा तक अपने मायके में पढ़ाई की और बाद में ससुराल चली गईं।
उन्होंने इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स के मंच से बताया कि मेरे ससुराल के लोग भी पढ़े-लिखे नहीं थे। मैंने उनसे बात की तो 11वीं कक्षा में एडमिशन करा दिया। वहां जाकर पहली बार मैंने नीट का नाम सुना था। मेरा सपना डॉक्टर बनने का था. मैं खेत में काम भी करती थी और घर में पढ़ाई भी करती थी।
उसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई शुरु की। उसके बाद वो कोटा गईं, जहां उन्होंने नीट की तैयारी की और उनका बीकानेर के एक कॉलेज में दाखिला हो गया, जहां वो अब आगे की पढ़ाई कर रही हैं।