Edited By Sonia Goswami,Updated: 01 Oct, 2018 10:59 AM
अगर आपने 12वीं में बायोलॉजी से पढ़ाई की है और आप सोच रहे हैं कि आपके लिए सिर्फ डॉक्टर बनने का ही विकल्प है तो ये आपकी बड़ी भूल है। डॉक्टर के अलावा आप कई सारे फिल्ड्स में भी शानदार करियर बना सकते हैं।
नई दिल्लीः अगर आपने 12वीं में बायोलॉजी से पढ़ाई की है और आप सोच रहे हैं कि आपके लिए सिर्फ डॉक्टर बनने का ही विकल्प है तो ये आपकी बड़ी भूल है। डॉक्टर के अलावा आप कई सारे फिल्ड्स में भी शानदार करियर बना सकते हैं।
लैब टेक्नीशियन:मैडीकल फील्ड में रिसर्च की संभावनाओं पर अगर आपका ज्यादा ध्यान है, तो आप मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी कोर्स या लैब टेक्नीशियन बन सकते हैं। इस क्षेत्र में अच्छी जानकारी रखने वाले चाहें तो अपनी लेबोरेट्रीज, फिजिशियन ऑफिस, ब्लड बैंक खोल सकते हैं।
हैल्थ काउंसलर: हेल्थ काऊंसलर लोगों को पोषण, यौन, स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, गैर-संचारी बीमारियों से बचाव, चोट-दुर्घटना हिंसा से बचाव, नशे से बचाव आदि मुद्दों पर बात कर सलाह देते है। हेल्थ काउंसलिंग का कोर्स इग्नू में किया जा सकता है. एक बार ये कोर्स करने के बाद आपको 12,000-16,000 तक शुरुआती सैलरी मिलेगी।
डायटीशियन: हाइजीनिक खाने वालों और डाइट को लेकर कॉन्शियस रहने वालों को अक्सर ही डायटीशियन की जरूरत होती है। जिस तरह एक डॉक्टर का काम रोगी का रोग दूर करना है, वैसे ही एक डायटीशियन का काम उस रोगी को सेहतमंद करना है, लेकिन दवाइयों के जरिए नहीं, बल्कि एक सेहतमंद भोजन के जरिए। एक डायटीशियन छोटे-बड़े संस्थानों जैसे, हॉस्पिटल और स्कूल, क्लीनिक्स के लिए भोजन सेवा नीतियां भी बनाता है, ताकि लोगों में जागरूकता फैला सके. बिजनेस, मैथमेटिक्स, कंप्यूटर साइंस, साइकोलॉजी या सोशियोलॉजी में पढ़ाई करने वाले छात्र भी डायटीशियन के रूप में करियर चुन सकते है।
बायोइंफॉर्मेटिक्स (फार्माकोविजिलेंस): दवाइयों से होने वाले किसी भी तरह के साइड इफेक्ट की पहचान या बचाव के लिए फार्माकोलॉजिकल साइंस की मदद ली जाती है ताकि दवाइयों को ज्यादा सुरक्षित और उपयोगी बनाया जा सके। इस फील्ड में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स सर्टिफिकेट और डिप्लोमा दोनों तरह के कोर्स कर सकते हैं।
फार्माकोविजिलेंस में सर्टीफिकेट कोर्स चार महीने का होता है। जहां तक पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा डिग्री की बात है, तो यह एक साल का होता है। इस फील्ड में शुरुआती दौर में ही स्टूडेंट्स को 15 से 20 हजार रुपए सैलरी प्रति माह मिलने लगती है। कुछ साल का अनुभव हासिल करने के बाद 30 से 40 हजार रुपए प्रतिमाह आसानी से हासिल की जा सकती है।
नर्सिंग: नर्सों की जरूरत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। अगर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट की बात की जाए तो अगले चार वर्षों में लगभग 30 लाख ट्रेंड नर्सों की आवश्यकता होगी और अगर देश में ही नहीं अरब देशों से लेकर यूरोप तक में नर्सों की जरूरत रहती है। भारत की नर्सें बड़ी संख्या में यहां कार्यरत हैं।