ऑटोमेशन के बाद शिक्षा, विपणन, कृषि जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर देख रहे लोग

Edited By Sonia Goswami,Updated: 15 Oct, 2018 11:15 AM

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ऑटोमेशन जैसी नई प्रौद्योगिकी के आने से नौकरियां  जाने के खतरे पर चर्चा के बीच एक अध्ययन में दावा किया गया है कि ऐसे कर्मचारियों के लिए शिक्षा, विपणन और यहां तक कि कृषि क्षेत्र को भी रोजगार के नए दवाजे के रूप में देखा जा रहा है।

नई दिल्लीः ऑटोमेशन जैसी नई प्रौद्योगिकी के आने से नौकरियां  जाने के खतरे पर चर्चा के बीच एक अध्ययन में दावा किया गया है कि ऐसे कर्मचारियों के लिए शिक्षा, विपणन और यहां तक कि कृषि क्षेत्र को भी रोजगार के नए दवाजे के रूप में देखा जा रहा है।  ‘कृत्रिम मेधा किस प्रकार भारत में नौकरियों को नई दिशा दे रहा है’ शीर्षक से प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों के लोग अगले पांच साल में कृत्रिम मेधा, रोबोटिक्स, बिग डेटा और मशीन लर्निंग के विकास को देखते हुए अपने कौशल को मांजने की जरूरत को समझने लगे हैं।

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अध्ययन में हिस्सा लेने वाले 60 प्रतिशत लोगों ने कहा कि खुद को ऑटोमेशन के युग के अनुसार बनाने के लिए वे प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए अपना कौशल विकास चाहते हैं। दिलचस्प है कि करीब 30 प्रतिशत लोग मानते हैं कि उनकी मौजूदा नौकरी अगर जाती है तो वे शिक्षा क्षेत्र में फिर से रोजगार पा सकते हैं। वहीं 28 प्रतिशत लोग मानते हैं कि जरूरत पडऩे पर वे विपणन, प्रबंधन और व्यावसायिक कारोबार के जरिए एक बार फिर नौकरी पा सकते हैं। वहीं 16 प्रतिशत लोगों ने विनिर्माण एवं 14 फीसदी लोगों ने कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन में रूचि दिखाई।  

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