68500 शिक्षक भर्ती: डेढ़ साल में हुई दोनों परीक्षाएं विवादित

Edited By Sonia Goswami,Updated: 05 Nov, 2018 10:25 AM

education news

मार्च 2017 में सूबे की सत्ता बदलने के बाद परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए हुई दो बड़ी परीक्षाएं भी विवाद से नहीं बच सकीं।

लखनऊः मार्च 2017 में सूबे की सत्ता बदलने के बाद परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए हुई दो बड़ी परीक्षाएं भी विवाद से नहीं बच सकीं। 15 अक्तूबर 2017 को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराई गई थी। उसके बाद 27 मई को 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा हुई थी। 

टीईटी 2017 में पाठ्यक्रम से बाहर के सवाल पूछे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्तूबर को हाईकोर्ट को दोबारा से सुनवाई का निर्देश दिया है जबकि 68500 भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के लिए हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। दोनों ही परीक्षाएं पूर्व सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह ने करवाई थी जो फिलहाल निलंबित चल रही हैं। सरकार की नाकामी का खामियाजा बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है। 68500 भर्ती को लेकर शुक्रवार को लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे बेरोजगारों पर लाठीचार्ज किया गया। घेराव कर रहे अभ्यर्थी 30/33 प्रतिशत कटऑफ के आधार पर 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे थे ताकि बचे हुए 27 हजार से अधिक पदों पर योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो सके। उनकी मांग भी जायज है। क्योंकि परीक्षा से चार दिन पहले 21 मई को सरकार ने ही कटऑफ घटाकर 30/33 प्रतिशत कर दिया गया था। जब हाईकोर्ट में मामला पहुंचा तो अफसर बैकफुट पर आ गए। इसके बाद 9 जनवरी के शासनादेश में तय 40/45 प्रतिशत कटऑफ के आधार पर परिणाम घोषित कर दिया गया। 

बीटीसी अभ्यर्थियों पर विधान भवन के सामने शुक्रवार को लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा हो रही है। शनिवार को कर्नलगंज पार्षद आनन्द घिल्डियाल के आवास पर सर्वदलीय पार्षद/पूर्व पार्षद संघर्ष समिति की बैठक में लाठीचार्ज की निंदा की गई। वक्ताओं ने लाठीचार्ज के दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई और 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा में अनियमितता के लिए जिम्मेदार अफसरों दंडित करने की मांग की।  

टीईटी और शिक्षक भर्ती से जुड़े विवाद

टीईटी 2017 में पाठ्यक्रम से बाहर के सवाल पूछे गए थे। नए सिरे से परिणाम बनता है तो बड़ी संख्या में पास अभ्यर्थी फेल हो सकते हैं। जो नियुक्ति पा चुके हैं, उनकी नौकरी पर खतरा पर मंडरा रहा है। 

68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा में अनियमितता के कारण योग्य अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सका। सोनिका देवी समेत 12 अभ्यर्थियों की कॉपी बदल दी गई। सैंकड़ों पास अभ्यर्थी फेल कर दिए गए। कई फेल अभ्यर्थी पास कर दिए गए और उनकी नियुक्ति भी हो गई। 

नवनियुक्त सहायक अध्यापकों के जिला आवंटन में भी गड़बड़ी हुई। लखनऊ में बैठे अफसरों को 68500 पदों पर आरक्षण लागू करना था लेकिन सफल 41556 अभ्यर्थियों पर आरक्षण लगाने से पहली सूची में छह हजार से अधिक अभ्यर्थी बाहर हो गए। बाद में 6127 सफल आवेदकों का जिले आवंटित कर दिए गए। इसमें कम मेरिट वालों को पसंदीदा और हाईमेरिट वालों को सैकड़ों किमी दूर के जिलों में भेज दिया गया। इसके लिए कई याचिकाएं भी दाखिल हुईं।

27 मई को परीक्षा से पहले अर्हता अंक में बदलाव को लेकर विवाद पैदा हो गया। 21 मई को सामान्य व ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को 49 नंबर (33 प्रतिशत) जबकि एससी/एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को 45 नंबर (30 प्रतिशत) पर पास करने का शासनादेश जारी हुआ था। लेकिन नौ जनवरी के शासनादेश में दिए गए अर्हता अंक 67 (45 प्रतिशत) नंबर पाने वाले सामान्य व 60 अंक (40 प्रतिशत) अंक पाने वाले एससी/एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया गया। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!