भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप विकसित करना होगा : मुखर्जी

Edited By Sonia Goswami,Updated: 21 Jan, 2019 09:26 AM

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप भारत के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी संस्थानों को विकसित करना होगा।

पटनाः पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप भारत के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी संस्थानों को विकसित करना होगा। मुखर्जी ने पटना के एस.के. मेमोरियल हाल में पटना विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी संस्थानों को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि बिहार और तेजी से प्रगति कर रहा है। बिहार की विकास-दर आज राष्ट्रीय विकास-दर से भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को अपने को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से जोड़ते हुए चलना होगा। 

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उन्होंने कहा कि भारत में उच्च शिक्षा को रोजगार और कौशल-उन्नयन से जोड़कर ही देश के नव-निर्माण की वास्तविक परिकल्पना की जा सकती है। बिहार के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति लालजी टंडन ने कहा कि उच्च शिक्षा के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों के सार्थक नतीजे सामने आ रहे हैं। मुझे जानकर खुशी है कि पटना विश्वविद्यालय में पढऩे वाले छात्रों में 50 प्रतिशत से अधिक छात्राएं हैं। उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय बिहार में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक नया इतिहास रचने की ओर अग्रसर है। आज के दीक्षांत-समारोह में भी 80 प्रतिशत से अधिक ‘गोल्ड मेडल’ बेटियों को मिले हैं। यह पूरे राज्य के लिए गौरव की बात है।  टंडन ने कहा कि राज्य में विश्वविद्यालयीय शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए कुछ ठोस और सार्थक कदम हमने उठाए हैं। विश्वविद्यालयों में अकादमिक एवं परीक्षा कैलेण्डर के अनुरूप समय पर नामांकन, परीक्षा-आयोजन, परीक्षाफल प्रकाशन तथा डिग्री-वितरण के लिए दीक्षांत समारोहों के आयोजन हो रहे हैं। विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन बनाए रखने हेतु आवश्यक कदम उठाए गए हैं। विश्वविद्यालयों में ‘यूनिर्विसटी मैनेजमेंट इंफौरमेशन सिस्टम’ इस वर्ष से लागू होने जा रहा है, जिससे छात्र एवं शिक्षक काफी लाभान्वित होंगे।

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उन्होंने कहा कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में रोजगारपरक वैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किए जा रहे हैं, जिनके द्वारा विद्यार्थियों को विश्वविद्यालयों से निकलते ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।  टंडन ने कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शोध कार्यों को भी विश्वविद्यालयों में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बिहार आगमन से उच्च शिक्षा के विकास प्रयासों को गति मिलेगी।  टंडन ने कहा कि डॉ. मुखर्जी द्वारा दीक्षांत भाषण में दिए गए सुझावों के आलोक में राज्य में विश्वविद्यालयीय शिक्षा को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप विकसित करने में पर्याप्त मदद मिलेगी।   राज्यपाल ने कहा कि आज भारत तेजी से विकास कर रहा है। सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है। ऐसे में युवा विद्यार्थियों को राष्ट्र-निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हुए भारत के पुनरोदय में अपना भरपूर योगदान करना चाहिए।  समारोह के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी और राज्यपाल लालजी टंडन ने स्वर्ण पदक तथा पीएचडी डिग्रियाँ प्राप्त करनेवाले छात्रों को स्वर्णपदक एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रासबिहारी प्रसाद सिंह ने अपने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का ब्योरा भी प्रस्तुत किया।  
 

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