Edited By pooja,Updated: 04 Feb, 2019 03:43 PM
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि शिक्षा को किसी भी समाज के विकास की बुनयाद डालनी चाहिए और उसकी जड़ें नैतिकता,आचार संहिता और मूल्य व्यवस्था में होनी चाहिए।
हैदराबाद: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि शिक्षा को किसी भी समाज के विकास की बुनयाद डालनी चाहिए और उसकी जड़ें नैतिकता,आचार संहिता और मूल्य व्यवस्था में होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा, विद्यार्थियों को नवोन्मेषी ढंग से सोचने और चुनौतियों से निपटने के लिए शानदार हल ढूंढने के लिए तैयार करने वाली होनी चाहिए। एक सरकारी बयान के अनुसार उपराष्ट्रपति ने यह भी सुझाव दिया कि हमारी शिक्षा व्यवस्था को अपने पारंपरिक शिल्पों और कलाओं पर ध्यान देना चाहिए ।
उन्होंने डॉ. डी रामा नायडू विज्ञान इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल डेवलपमेंट के विद्याॢथयों और विज्ञान ज्योति सोसायटी के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम हर उच्च शिक्षण संस्थान में कौशल आधारित प्रशिक्षण प्रदान करने का उपयुक्त माहौल तैयार कर अपने विद्यार्थियों को नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी प्रदान करने वाला बना सकते हैं।’’
नायडू ने कहा कि एक आदर्श शैक्षणिक संस्थान को विद्यार्थी को उनमें धीरज और स्थायित्व के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित कर समग्र इंसान बनाने पर ध्यान देना चाहिए।