Edited By Riya bawa,Updated: 26 Sep, 2019 10:22 AM
शैक्षिक विकास व पूंजी विकास एक-दूसरे के...
नई दिल्ली: शैक्षिक विकास व पूंजी विकास एक-दूसरे के अभिन्न अंग हैं। पूंजी विकास से सड़कों के निर्माण, फ्लाईओवर जैसे बुनियादी ढांचे का विकास किया जा सकता है लेकिन जब आप शैक्षिक विकास करते हैं तो एक महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उक्त बातें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी (आईपीयू) द्वारा तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्घाटन के दौरान कहीं। इस कांफ्रेंस का आयोजन आईपीयू के डायरेक्टरेट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर के द्वारा किया जा रहा है जिसका विषय ‘नॉलेज एंड पॉलिसी फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट: ग्लोबल लैशन एंड लोकल चैलेंजिस’ है। इस समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. डॉ. महेश वर्मा ने की।
इस दौरान मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह शिक्षण संस्थानों व सरकार के लिए अच्छा है कि वो समाज के लिए सामूहिक रूप से काम करें। इससे समाज की बेहतरी होगी। उन्होंने कहा कि सकारात्मक मानसिकता की महत्वपूर्ण भूमिका मानव जीवन में रही है और बुनियादी ढांचा व सकारात्मक सोच मिल जाए तो चमत्कारी उपलब्धि प्राप्त कर सकते हैं। इस मौके पर घाना के उच्चायुक्त माइकल ए.एन.एन ओक्वेय एसक ने कहा कि उपयुक्त नीतियों का निर्माण व उसके लिए किया गया सतत विकास व चुनौतियां वक्त की मांग है।
इस मौके पर एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया, इस सम्मेलन को छह तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया है। कार्यक्रम में प्रो. अनुभा कौशिक व डॉ. गगनदीप शर्मा ने भी अपने विचार रखे।