Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Apr, 2018 11:38 AM
कहते हैं जहां चाह वहां राह तबी तो एक स्कूल का पता लगा है जो मैरिज हॉल से चल रहा है। जी हां, सुनकर थोड़ा अटपटा लगेगा और यह स्कूल आज का नहीं बल्कि 14 साल पुराना है।
भोपाल: कहते हैं जहां चाह वहां राह तबी तो एक स्कूल का पता लगा है जो मैरिज हॉल से चल रहा है। जी हां, सुनकर थोड़ा अटपटा लगेगा और यह स्कूल आज का नहीं बल्कि 14 साल पुराना है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सरकारी स्कूल मैरिज हॉल में चल रहा है। स्कूल का नाम पी.एस.रविदास स्कूल है। दिन में मैरिज हॉल स्कूल रहता है तो शाम में शादी हॉल में बदल जाता है। जहांगीराबाद में स्थित इस स्कूल में पहली से पांचवीं कक्षा तक में कुल 57 छात्र हैं। वहां चटाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्र खुली फर्श पर ही बैठते हैं।
जानकारी के मुताबिक टीचर फर्श को ब्लैकबोर्ड की तरह इस्तेमाल करते हैं। छात्र एक घेरा बनाकर बैठ जाते हैं और फर्श पर ही जोड़ और घटाव के सवाल करते हैं। एक शिक्षक ममता शर्मा ने बताया, 'हम फर्श को ब्लैकबोर्ड की तरह इस्तेमाल करते हैं क्योंकि छात्र जब घेरा बनाकर बैठते हैं तो खुश होते हैं। इस तरह से उनको अलग क्लासरूम या ब्लैकबोर्ड न होने का मलाल नहीं रहता है।'
वैसे तो स्कूल की एक बिल्डिंग है जिसमें छह क्लासरूम हैं लेकिन इमारत पूरी तरह खराब हो चुकी है। हेडमास्टर शाहिद रजा ने बताया, 'मैंने कई बार इस बारे में सरकार को लिखा है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एनजीओ समेत लोग आते हैं, स्कूल को देखकर जाते हैं लेकिन अब तक कोई मदद नहीं की है। रोजाना स्कूल के अभाव में छोटे-छोटे बच्चों को परेशान होते देखकर काफी तकलीफ होती है। बच्चें प्रतिभाशाली हैं। वे बहुत कुछ कर सकते हैं लेकिन उनको मदद की जरूरत है।