खेलों को शिक्षा का हिस्सा बनाने में जुटा है एजुस्पोट्स

Edited By pooja,Updated: 03 Dec, 2018 09:54 AM

edusports are trying to make sports a part of education

खेल सिर्फ प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं है, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेलों को शिक्षा का अभिन्न अंग बनाया जाना चाहिए। यह कहना है एजुस्पोट्स के संस्थापकों में से एक सौमिल मजूमदार का।

नई दिल्ली: खेल सिर्फ प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं है, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेलों को शिक्षा का अभिन्न अंग बनाया जाना चाहिए। यह कहना है एजुस्पोट्स के संस्थापकों में से एक सौमिल मजूमदार का।  

मजूमदार का कहना है कि देश में खेलों की चर्चा जब भी होती है तो जिक्र सिर्फ इस बात का होता है कि कितने पदक जीते, लेकिन खेलों के प्रति इस नजरिये को बदलने की जरूरत है। खेल प्रतियोगिता का हिस्सा तो हैं लेकिन बच्चों को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ बनाने के लिए भी उतना ही जरूरी है।   

एजुस्पोट्स के जरिए देश के 800 स्कूलों और पांच लाख बच्चों तक पहुंच चुके मजूमदार ने कहा, ‘‘हमारा मकसद बच्चों का सर्वांगीण विकास है और इसका महत्त्वपूर्ण पहलू खेल है जिस पर अमूमन ध्यान नहीं दिया जाता है। हमारा मकसद इस धारणा को बदलना था और धीरे-धीरे ही सही लोगों में यह बदलाव देखने को मिल रहा है। माता-पिता भी खेलों में बच्चों कि दिलचस्पी के बारे में पूछने लगे हैं।’’  मजुमदार कहते हैं कि एजुस्पोट्स का मकसद खेलों को शिक्षा का हिस्सा बनाना है और उनका मानना है कि जिस तरह फिजिक्स, केमेस्ट्री या मैथमेटिक्स पाठ्यक्रम का हिस्सा होते हैं, खेल भी पाठ्यक्रम की तरह बच्चों के लिए जरूरी है। 
 

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