Edited By pooja,Updated: 09 Feb, 2019 03:16 PM
नर्सरी दाखिले में अपर एज लिमिट के चलते दाखिला न ले पाने पर बीते साल दिल्ली हाइकोर्ट में एक 6 साल के दिव्यांग ने शिक्षा निदेशालय की तय अपर एज लिमिट के
नई दिल्ली : नर्सरी दाखिले में अपर एज लिमिट के चलते दाखिला न ले पाने पर बीते साल दिल्ली हाइकोर्ट में एक 6 साल के दिव्यांग ने शिक्षा निदेशालय की तय अपर एज लिमिट के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिस मामले में जनवरी 2019 में कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय से इस मामले में दखल देने को कहा था।
इस साल भी बहुत सारी शिकायतें निदेशालय को और शिक्षा उप निदेशकों को दिव्यांग अभिभावकों ने भेजी जो अपर एज लिमिट के कारण दाखिले से वंचित रह गए। जिसके फलस्वरूप शिक्षा निदेशालय ने ईडब्ल्यूएस/डीजी कैटेगरी के अंतर्गत 3 फीसद आरक्षित दिव्यांग व विशेष श्रेणी के बच्चों के लिए वीरवार को आदेश जारी कर अपर एज लिमिट 4 साल बढ़ाकर 9 साल कर दी है। बता दें पिछले साल चिल्ड्रेन विद स्पेशल नीड्स(सीडब्ल्यूएसन) कैटेगरी में आयोजित किए गए कई ड्रॉ में 1400 बच्चे ही दाखिला ले पाए थे। जिसके कारण इस वर्ग में आरक्षित 1100 सीटें खाली रह गई थी।
आपको बता दें कि आरपीडी एक्ट 2016 के मुताबिक 3 फीसद सीटें निजी व मान्यता प्राप्त स्कूलों में सीडब्ल्यूएसन वर्ग के लिए आरक्षित होती हैं। शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह फैसला शिक्षा निदेशालय ने सीडब्ल्यूएसएन वर्ग के अंतर्गत आने वाले बच्चों को दाखिले के लिए उत्साहित करने के लिए लिया है। बीते साल की 1100 सीटों को निदेशालय ने इस वर्ष की 3 फीसद कोटे में बढ़ा दिया है। इसलिए इस वर्ग के लिए 2019-20 सत्र में पिछले साल के मुकाबले अधिक सीटें हैं और अब अपर एज लिमिट 9 साल हो जाने से आवेदनों की संख्या बढ़ जाएगी।