सही रणनीति से सिविल सर्विस परीक्षा में पाएं सफलता

Edited By pooja,Updated: 03 May, 2018 02:06 PM

find the right strategy in the civil service examination

देश की शीर्ष संघ लोक सेवा या यूनियन सिविल सर्विस में सफल करिअर बनाने का ज्यादातर युवाओं का सपना होता है लेकिन गिने-चुने युवा ही अपनी अथक मेहनत और प्रतिभा के बल पर इनमें स्थान बना पाते हैं।

नई दिल्ली: देश की शीर्ष संघ लोक सेवा या यूनियन सिविल सर्विस में सफल करिअर बनाने का ज्यादातर युवाओं का सपना होता है लेकिन गिने-चुने युवा ही अपनी अथक मेहनत और प्रतिभा के बल पर इनमें स्थान बना पाते हैं। 


संघ लोक सेवा सेवा आयोग(यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली अखिल भारतीय स्तर की चयन परीक्षा के आधार पर प्रति वर्ष लगभग 1000 पदों पर नियुक्तियां की जाती हैं। इन शाखाओं में भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस), भारतीय विदेश सेवा(आईएफएस), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) सहित लगभग अन्य शीर्ष सेवाओं का उल्लेख किया जा सकता है।   पिछले वर्ष(2017) की इस परीक्षा के आंकड़ों पर गौर करें तो कुल 4.56 लाख प्रत्याशियों ने इसके लिये आवेदन भरा था। इनमें से 13366 प्रत्याशी प्रारंभिक परीक्षा के आधार पर मुख्य परीक्षा के लिए योग्य घोषित किये गए। मुख्य परीक्षा के जरिए 2568 प्रत्याशियों को व्यक्तित्व परीक्षा के लिए चुना गया। उनमें से मात्र 990 प्रत्याशी अन्तिम रूप से सफल हुए। इससे स्पष्ट हो जाता है कि सफल होने वाले युवाओं को कितनी गहन प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ता है।

 सिविल सेवा परीक्षा का स्वरूप:- यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है। प्रथम चरण है प्रारंभिक परीक्षा जो जून माह में होती है। इस स्तर पर 200-200 अंकों के केवल दो प्रश्न पत्र होते हैं जो ऑब्जेक्टिव टाइप के होते हैं। पहला प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन पर आधारित होता है और इसमें देश-विदेश से सम्बंधित करंट अफेयर्स, भारत का इतिहास, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भूगोल, सरकारी नीतियों, सामाजिक एवं आर्थिक महत्त्व के विषयों, सामान्य विज्ञान आदि से जुड़े प्रश्न होते हैं। दूसरे प्रश्नपत्र में भाषा, संचार योग्यता, तार्किक एवं विश्लेष्णात्मक क्षमता ,प्रारंभिक अंकगणित आदि पर आधिरित प्रश्नों को शामिल किया जाता है।

दोनों प्रश्न पत्रों की अवधि दो-दो घंटे की होती है। दूसरा प्रश्नपत्र क्वालिफाइंग प्रकार का होता है और इसमें कम से कम 33त्न अंक लाने आवश्यक होते हैं। मुख्य परीक्षा :- प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने वाले प्रत्याशिओं को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाती है। यह परीक्षा अक्टूबर माह में होती है। इसमें पहले 300-300 अंकों के दो पेपर्स क्रमश: किसी एक भारतीय भाषा और अंग्रेजी पर आधारित होते हैं। इन प्रश्नपत्रों के अंकों को मेरिट सूची तैयार करते हुए शामिल नहीं किया जाता है। इनके अलावा सात प्रश्नपत्र होते हैं। इनमें से प्रत्येक 250 अंक का होता है। इस प्रकार कुल 1750 अंकों के ये पेपर्स होते हैं। पेपर्स के विषयों और उनके सिलेबस के बारे में विस्तृत जानकारी यूपीएससी की वेबसाइट पर उपलब्ध है।  पर्सनेलिटी टेस्ट :- यह कुल 275 अंकों का होता है। इसमें साक्षात्कार के अलावा प्रत्याशी के व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जाता है। 
 

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