Edited By bharti,Updated: 24 May, 2018 05:30 PM
देश में बढ़ती हुई पानी की कमी और कचरे की अधिकता से पर्यावरण के लिये गंभीर होते संकट को देखते हुये जल ...
नई दिल्ली : देश में बढ़ती हुई पानी की कमी और कचरे की अधिकता से पर्यावरण के लिये गंभीर होते संकट को देखते हुये जल और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशिक्षण एवं शोध केन्द्र राजस्थान में शुरु किया जायेगा। पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था सेंटर फॉर सांइस एंड एनवायर्नमेंट (सीएसई) राजस्थान के नेमिली में अनिल अग्रवाल पर्यावरण प्रशिक्षण संस्थान में छह प्रशिक्षण केन्द्र शुरू करने जा रहा है। सीएसई का दावा है कि यह अपने तरह का देश का पहला जल एवं कचरा प्रबंधन प्रशिक्षण केन्द्र होगा।
सीएसई की निदेशक सुनीता नारायण ने बताया कि हाल में स्थापित इस संस्थान में जल एवं कचरा प्रबंधन के अलावा पर्यावरण से जुड़े अन्य विषयों पर प्रशिक्षण की सुविधा मुहैया करायी जायेगी। उन्होंने बताया कि यह भारत में अपने तरह का पहला प्रशिक्षण केन्द्र होगा जिसमें जल संचयन और कचरा निस्तारण को लेकर देश विदेश में प्रचलित प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुये प्रबंधन पाठ्यक्रम तय किया गया है। नारायण ने स्पष्ट किया कि पाठ्यक्रम में पानी एवं कचरा प्रबंधन से संबंधित इंजीनियरिंग, वित्तीय और योजना जैसे तकनीकी पहलुओं के बजाय सामाजिक जरूरतों से जुड़े पहलुओं को प्रमुखता दी गयी है जिससे लोगों को शहर और गांव की भिन्न परिस्थितयों को ध्यान में रखते हुये पानी के उचित दोहन, वितरण, प्रयोग और शोधन तथा कचरे के निस्तारण की स्थानीय सुविधायें विकसित की जा सकें।
इसके पाठ्यक्रम के निर्धारण के लिये नारायण की अध्यक्षता में हुयी बैठक में शामिल सीएसई के कार्यक्रम निदेशक सुरेश रोहिल्ला ने बताया कि प्रस्तावित संस्थान शहरों में सतत जल प्रबंधन का लक्ष्य हासिल करने में मददगार साबित होगा। उन्होंने बताया कि संस्थान के आवासीय कैंपस को प्रशिक्षण और शोध केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा।