Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Apr, 2018 09:58 AM
प्रश्नपत्र लीक करने के आरोपी राकेश कुमार ने सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में शामिल हुए देश के लाखों छात्रों के भविष्य के साथ सिर्फ इसलिए खिलवाड़ किया,
नई दिल्ली: प्रश्नपत्र लीक करने के आरोपी राकेश कुमार ने सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में शामिल हुए देश के लाखों छात्रों के भविष्य के साथ सिर्फ इसलिए खिलवाड़ किया, क्योंकि उसे समय से पूर्व स्कूल का प्रिंसिपल बनना था। मंजूबाला ने उसे अनुभव की कमी के बावजूद प्रिंसिपल बनवाने का आश्वासन दिया था।
राकेश कुमार वर्तमान में डीएवी सेन्टेनरी पब्लिक स्कूल में बतौर पीजीटी टीचर तैनात है और उसका पीजीटी टीचर के रूप में कुल 9 वर्ष का अनुभव है जबकि किसी स्कूल का प्रिंसिपल बनने के लिए कम से कम 10 वर्ष या उससे अधिक का अनुभव होने का नियम है।
रिश्ते में भाभी लगने वाली आरोपी मंजूबाला ने राकेश को बताया था कि उसके बड़े अधिकारियों और मंत्रालयों में अच्छे संबंध हैं। वह अनुभव की कमी के बावजूद उसे प्रिंसिपल बनवाने में मदद कर सकती है। इसके बदले में उसने राकेश के सामने प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने की शर्त रखी क्योंकि उसका बेटा भी इसी वर्ष सीबीएसई की परीक्षा दे रहा था। राकेश ने जल्द प्रिंसिपल का पद हासिल करने की चाहत में मंजूबाला के इस प्रस्ताव को मान लिया और उसे प्रश्नपत्र उपलब्ध करा दिया। साथ ही उसने यह प्रश्नपत्र अपने पास ट्यूशन पढऩे वाले दो छात्रों को भी उपलब्ध कराया था।
मैनेजर रहता था घर पर, कैशियर खोलता था बैंक
पुलिस जांच में पता चला है कि हिमाचल प्रदेश के ऊना शहर में स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा के बैंक मैनेजर शेरू राम घर में रहता था और कैशियर ओम प्रकाश बैंक और उसका लॉकर खोला करता था। जबकि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र किसी भी कीमत पर लीक ना हो इसके लिए नियमानुसार जब भी केंद्र अधीक्षक बैंक के लॉकर से प्रश्नपत्र लेने जाता है। उस समय उसके साथ बैंक प्रबंधक और कैशियर का होना अनिवार्य है। वह सभी गतिविधियों पर नजर रखता है। यदि वह ऐसा नहीं करता है तो वह दोषी है। लेकिन प्रबंधक ने नियमों की अनदेखी की। नियमानुसार मैनेजर को ही बैंक खोलना चाहिए था और अपनी देखरेख में ही स्ट्रांग रूम से प्रश्नपत्र निकलवाना चाहिए था लेकिन जांच में पता चला कि जिस समय राकेश प्रश्नपत्र लेने आया था बैंक मैनेजर घर पर था और स्ट्रॉन्ग रूम को कैशियर ने खोला और उसमें रखे प्रश्नपत्र को उसे सौंपा था।