Edited By Riya bawa,Updated: 16 Sep, 2019 10:40 AM
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ...
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव 2019 से विवादों का साझा उठने का नाम ही नहीं ले रहा। पहले एक अक्ष्यक्ष पद के प्रत्याशी का नामांकन रद्द हुआ, जिसे कोर्ट के आदेश पर प्रेसीडेंशियल डिबेट के दिन बहाल किया गया। इसके बाद हाईकोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगा दी। जिसकी अगली सुनवाई 17 सितम्बर को होगी। इसके बाद विश्वद्यिालय की शिकायत प्रकोष्ठ समिति (जीआरसी) ने छात्रसंघ चुनाव की सत्यता पर सवाल उठा दिए।
चुनाव समिति ने पहले इलेक्शन क मेटी पर लिंगदोह कमीशन के नियमों के उल्लंघन के आरोप लगाए। जिसके जवाब में इलेक्शन समिति ने आरोपों को नकार दिया। इसके बाद दोबारा जीआरसी ने इलेक्शन कमेटी को नोटिस जारी किया है। जिसमें समिति ने इलेक्शन कमेटी व अन्य छात्रों को 16 सितम्बर दोपहर 2.30 बजे पेश होने का आदेश दिया है। यदि छात्र समिति के समक्ष पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जेएनयू शिकायत प्रकोष्ठ समिति के चेयरपर्सन प्रो. उमेश अशोक कदम की ओर से इलेक्शन कमेटी के सदस्यों व अन्य को भेजे गए दूसरे नोटिस में लिखा है कि 11 सितम्बर को सिक्योरिटी की ओर से रिपोर्ट दी गई है कि कुछ छात्र सिक्योरिटी गार्ड को धक्का देकर अंदर घुस गए। छात्रों ने सिक्योरिटी गार्ड से धक्का-मुक्की के अलावा अभद्र व्यवहार भी किया और बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी की। जबकि इलेक्शन कमेटी और अन्य छात्र संगठन इसे नकार रहे हैं।