गूगल गुरु का स्थान नहीं ले सकता: वेंकैया नायडू

Edited By Sonia Goswami,Updated: 05 Sep, 2018 04:11 PM

google can not replace guru venkaiah naidu

उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने देश के विकास में शिक्षकों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा है कि गुरुओं के कारण ही भारत विश्व गुरु रहा है और आज सूचना प्रौद्योगिकी का कितना भी विकास हो जाए। गूगल गुरु का स्थान नहीं ले सकता है।

नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने देश के विकास में शिक्षकों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा है कि गुरुओं के कारण ही भारत विश्व गुरु रहा है और आज सूचना प्रौद्योगिकी का कितना भी विकास हो जाए। गूगल गुरु का स्थान नहीं ले सकता है।  

PunjabKesari

श्री नायडू ने विज्ञान भवन में शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर उन्होंने देश के 45 चुनिन्दा शिक्षकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कार में 50 हजार रुपए की राशि एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र शामिल है। 

PunjabKesari

उन्होंने कहा कि गुरु लोगों को अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश में लाता ही नहीं बल्कि वह जीवन मूल्य और दृष्टि भी प्रदान करता है। गुरु को हमारी संस्कृति में भगवान का दर्जा दिया गया है। पूरी दुनिया भारत को विश्व गुरु मानती रही है। आज भले ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जैसे संस्थानों में सूचना प्रौद्योगिकी का जोर हो और छात्र भले ही सर्च इंजन गुगल से तत्काल जानकारी प्राप्त कर लेते हैं लेकिन गुगल गुरु का स्थान नहीं ले सकता है।  

PunjabKesari

उन्होंने मात्रभाषा में शिक्षा देने की वकालत करते हुए कहा, हमें औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागकर भारतीय मूल्यों को अपनाना चाहिए। हमारे देश की समृद्ध सभ्यता एवं संस्कृति रही है और अनेक महापुरुषों ने बड़ा योगदान दिया है आज छात्रों को उनके बारे में पढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि वे अपने देश का पूरा इतिहास नहीं जानते। उन्होंने स्वामी विवेकानंद, रवींद्र नाथ टैगोर, महात्मा गांधी, महर्षि अरविन्द और डॉ राधाकृष्णन की शिक्षा के बारे में दिए गये विचारों को उद्धृत करते हुए कहा कि शिक्षा केवल रोजगार पाने के लिए नहीं बल्कि एक विवेकवान नागरिक बनाने के लिए जरूरी है ताकि देश का सही विकास हो सके और भविष्य भी संवर सके।  

 

उप राष्ट्रपति ने शिक्षा को प्रकृति और संस्कृति से जोड़ने पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा नैतिक एवं जीवन मूल्यों का भी निर्माण करती है।  इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि शिक्षक जीवन भर शिक्षक ही होता है। वह 25 साल से अगर शिक्षक है तो उसका एक ही पेशा पढ़ाना होता है, वह अपना पेशा नहीं बदलता है। माता-पिता के बाद शिक्षकों का ही जीवन में महत्व होता है क्योंकि वे आपके जीवन को एक दिशा देते हैं। 
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!