गोरखपुर को सिटी ऑफ नॉलेज के रूप में विकसित किया जाए: राष्ट्रपति कोविंद

Edited By Sonia Goswami,Updated: 10 Dec, 2018 02:20 PM

gorakhpur s educational tradition

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुझाव दिया कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के शताब्दी-वर्ष 2032 तक गोरखपुर को‘सिटी आफ नालेज’के रूप में विकसित किया जाए ।

गोरखपुर (उप्र):राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुझाव दिया कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के शताब्दी-वर्ष 2032 तक गोरखपुर को‘सिटी आफ नालेज’के रूप में विकसित किया जाए ।  महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद, गोरखपुर के ‘संस्थापक सप्ताह समारोह’ के मुख्य महोत्सव को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि लगभग डेढ़ दशक बाद 2032 में ‘परिषद’ का ‘शताब्दी वर्ष’ मनाया जाएगा। मेरा सुझाव है कि ‘परिषद’ के ‘शताब्दी वर्ष’ तक सुविचारित योजनाओं और प्रयासों के बल पर गोरखपुर को ‘सिटी ऑफ नॉलेज’ के रूप में स्थापित करने का आप सभी को संकल्प लेना चाहिए। 

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उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान राष्ट्रीय-स्वाभिमान से जुड़ी आधुनिक शिक्षा प्रदान करने का एक अभियान शुरू हुआ। महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित ‘बीएचयू’ से लेकर महंत दिग्विजय नाथ द्वारा ‘महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद’ की स्थापना उसी शिक्षा-अभियान के ज्वलंत उदाहरण हैं। सन 1932 में इस ‘परिषद’ की स्थापना गोरखपुर तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा के विकास को गति और दिशा प्रदान करने में मील का पत्थर साबित हुई है।

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 राष्ट्रपति ने गोरखपुर के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि बीसवीं सदी में, भारतीय दर्शन और क्रिया योग के प्रति देश और विदेश में आकर्षण उत्पन्न करने वाले परमहंस योगानंद का जन्म गोरखपुर में ही हुआ था। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।   

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