Edited By Sonia Goswami,Updated: 26 Sep, 2018 08:52 AM
सरकारी मैडीकल कालेज में पढ़ाई करने वाली छात्राएं अब छोटे कपड़े पहन कर कक्षाओं में नहीं आ सकेंगी। कालेज की प्रिंसीपल द्वारा 1 अक्तूबर से छात्राओं पर ड्रैस कोड लागू करते हुए स्कटर्, कैपरीज, टी-शर्ट, जीन्स आदि पहनने पर पाबंदी लगा दी है। प्रिंसीपल ने...
अमृतसर(दलजीत): सरकारी मैडीकल कालेज में पढ़ाई करने वाली छात्राएं अब छोटे कपड़े पहन कर कक्षाओं में नहीं आ सकेंगी। कालेज की प्रिंसीपल द्वारा 1 अक्तूबर से छात्राओं पर ड्रैस कोड लागू करते हुए स्कटर्, कैपरीज, टी-शर्ट, जीन्स आदि पहनने पर पाबंदी लगा दी है। प्रिंसीपल ने संबंधित क्लासों के इंचार्जों को हिदायतें जारी की हैं कि यदि कोई विद्यार्थी फिर भी उल्लंघन करता है तो उस संबंधी तुरंत प्रिंसीपल कार्यालय को सूचित किया जाए। पत्र जारी होने के उपरांत छात्राओं ने इस फैसले का विरोध जाहिर किया है।
कालेज की प्रिं. डा. सुजाता शर्मा ने जारी पत्र में कहा है कि यह आम देखने में आया है कि इस कालेज की छात्राएं कालेज के समय क्लासों (थ्यूरी/प्रैक्टिकल) में जैसे टी-शर्ट, कैपरीज या स्कर्ट्स पहन कर आती हैं, जो देखने में बड़ी ही असभ्य लगती हैं। इस संबंध में हिदायत की जाती है कि 1 अक्तूबर से इस कालेज के इंटर्नज, एम.बी.बी.एस., बी.एससी. कोर्स और डिप्लोमा कोर्स की सभी छात्राएं सलवार सूट या ट्राऊजर्स-शर्ट और लड़के विद्यार्थी फॉर्मल ट्राऊजर्स-शर्ट ही पहन कर आएं और उस पर सफेद रंग का एप्रन पहन कर क्लासों में जाएं। पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि संबंधित कक्षाओं के टीचर यकीनी बनाएंगे कि विद्यार्थी कालेज प्रशासन की हिदायतों की इन-बिन पालना करें।
उधर दूसरी तरफ फरमान जारी होने के उपरांत छात्राओं ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें, टी-शर्ट जीन्स में कुछ भी असभ्य नहीं लगता है। एक तरफ समय-समय की सरकारें वैसे तो लड़कियों को समय का साथी बनाने की बातें करती हैं, वहीं दूसरी तरफ कालेज प्रशासन ऐसे फरमान जारी करके उनकी आजादी पर पाबंदी लगा रहा है।