Edited By bharti,Updated: 27 Feb, 2019 06:38 PM
हरियाणा सरकार ने राज्य के स्कूलों में वर्ष 2005 के दौरान रखे गये अतिथि शिक्षकों को आज एक बड़ा तोहफा ...
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य के स्कूलों में वर्ष 2005 के दौरान रखे गये अतिथि शिक्षकों को आज एक बड़ा तोहफा प्रदान किया जब उसने इन्हें नौकरी में पक्का करने सम्बंधी अपने चुनावी वादे तथा इनकी चिर लंबित मांग को पूरा करते हुये राज्य विधानसभा में विधेयक पेश किया जिसे बहुमत से पारित कर दिया गया। इस बीच इस विधेयक के पारित होने के बाद राज्य में अतिथि शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई और इन्होंने शिक्षा मंत्री राम विलास शर्मा को मिठाई खिलाकर उनका धन्यवाद किया।
राज्य के शिक्षा मंत्री एवं संसदीय कार्यमंत्री रामविलास शर्मा ने सदन में हरियाणा अतिथि शिक्षक सेवा विधेयक-2019 पेश करते हुये कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी तथा बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिये वर्ष 2005-06 के दौरान स्कूलों के प्राध्यापकों और खंड शिक्षा अधिकारियों को मंजूरशुदा रिक्त पदों पर प्रति पीरियड मानदेय आधार पर गेस्ट टीचर रखने के निर्देश दिये गये थे।
बाद में एक अप्रैल, 2009 से इन्हें वार्षिक अनुबंध आधार पर निश्चित मानदेय पर रखा गया। शर्मा ने बताया कि सरकार ने गेस्ट टीचरों से जो वादा किया था उसे आज पूरा कर तोहफा देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ये गेस्ट टीचर पिछली कांग्रेस सरकार ने नियुक्त किए थे लेकिन कोई भेदभाव किये बिना सरकार ने इनके पक्ष में विधेयक पारित कर इनके परिवारों में खुशी देने का काम किया है। विधेयक के बाद अतिथि अध्यापकों ने शिक्षा मंत्री को मिठाई खिलाकर उनका धन्यवाद किया। मंत्री ने भी उन्हें बधाई देते हुए पूरे मन से बच्चों को पढ़ाने की नसीहत दी। शिक्षा मंत्री ने कहा हालांकि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इन अतिथि शिक्षकों को हटाने के आदेश दे दिए थे लेकिन राज्य की वर्तमान सरकार ने इनके पक्ष में शपथ-पत्र देकर न केवल इनकी नौकरी बचाए रखी बल्कि इनके वेतन में भी भारी-भरकम बढ़ौतरी की है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कर दिया था इन्कार
उन्होंने कहा कि जब ये अतिथि शिक्षक नई दिल्ली में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निवास के बाहर उन्हें नियमित करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे तो उन्होंने हुड्डा से उस वक्त इनकी मांगें मानकर 12 घंटे के अंदर धरने से उठने के लिए मनाने का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा कि आज वह गौरवान्वित हैं कि वर्तमान सरकार ने इन अतिथि शिक्षकों को वैधता प्रदान कर सेवानिवृत्ति की आयु तक विभाग में कार्य करने की अनुमति दी है। शर्मा के अनुसार आज के इस कदम से राज्य में जेबीटी,टीजीटी तथा पीजीटी समेत 22,000 अतिथि शिक्षकों को लाभ होगा। हालांकि सरकार ने सितंबर 2018 से इनके वेतन में 25 प्रतिशत की वृद्धि की थी। अब जेबीटी और ड्राइंग शिक्षक को 21,715 रुपये की जगह 26 हजार रुपये, टीजीटी को 24,100 की जगह 30 हजार रुपये और पीजीटी और लेक्चरर को 29,715 की जगह 36 हजार रुपये मासिक वेतन मिलेगा। इन्हें साल में दो बार यानि एक जनवरी और एक जुलाई को वेतन वृद्धि भी मिलेगी।