यहां पढ़ाई में विघ्न डाल रहा लाउड स्पीकरों का शोर

Edited By ,Updated: 14 Mar, 2017 12:35 PM

here  s the noise of the loud speaker putting the obstacle in studies

विद्यार्थियों की वार्षिक मेहनत के लिए चल रही परीक्षाओं दौरान धार्मिक स्थानों व विवाह-शादियों पर स्पीकरों की ऊंची आवाज भारी विघ्न डाल रही है इससे अकेला विद्यार्थी वर्ग ही परेशान नहीं है, बल्कि आज के ...

नई दिल्ली : विद्यार्थियों की वार्षिक मेहनत के लिए चल रही परीक्षाओं दौरान धार्मिक स्थानों व विवाह-शादियों पर स्पीकरों की ऊंची आवाज भारी विघ्न डाल रही है इससे अकेला विद्यार्थी वर्ग ही परेशान नहीं है, बल्कि आज के मानसिक परेशानियों भरे दौर में जहां मनुष्य को अपने मानसिक तनाव को कम करने के लिए राहत की जरूरत होती है, वहीं उसको और ज्यादा तनाव ध्वनि प्रदूषण के रूप में मिल रहा है। शोर प्रदूषण को डैसीबलों में देखा जाता है। डब्ल्यू.एच.ओ. के अनुसार रिहायशी क्षेत्रों में 45 डैसीबल, शहरी क्षेत्रों में 55 डैसीबल, औद्योगिक क्षेत्रों में 75 डैसीबल तथा स्कूलों व अस्पतालों के जोन पूरी तरह शांति जोन होने जरूरी हैं, लेकिन हकीकत में यह शोर प्रदूषण निर्धारित सीमा से कहीं ज्यादा पाया जा रहा है।

ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती से काबू पाने की जरूरत 
पंजाब एंड हरियाणा के एडवोकेट कंवलदीप सिंह दीदारेवाला, एडवोकेट नसीब बावा, एडवोकेट गुरप्रीत सिंह, एडवोकेट हरिंदर सिंह बराड़ का कहना है कि ध्वनि प्रदूषण के कारण जहां मनुष्य की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है, वहीं विद्यार्थियों की पढ़ाई का भी बड़े स्तर पर नुक्सान हो रहा है। उन्होंने सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की कि पंचायतों को इस मसले में शामिल करके ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती से काबू पाया जाए।

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