Edited By pooja,Updated: 09 Jan, 2019 10:20 AM
सामान्य वर्ग के ''आर्थिक रूप से कमजोर'' को अब 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा। मोदी सरकार द्वारा संविधान में संशोधन बिल लोकसभा में पास हो गया है।
नई दिल्ली: सामान्य वर्ग के 'आर्थिक रूप से कमजोर' लोगों को अब 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा। मोदी सरकार द्वारा संविधान में संशोधन बिल लोकसभा में पास हो गया है। इससे सामान्य वर्ग को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। लेकिन इस बिल के पास होने के बाद अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय को शैक्षिक संस्थानों में इसे लागू करने के कई ठोस कदम उठाने होंगे। अब मंत्रालय भी आरक्षण लागू करने की रूपरेखा पर काम कर रहा है।
बताया जा रहा है कि मंत्रालय अब इस पर काम कर रहा है कि इस आरक्षण को लागू करने के लिए शैक्षिक संस्थानों में कितनी सीटों को बढ़ाने की जरुरत है। सूत्रों का कहना है कि 'अभी इस बात को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है कि आरक्षण कैसे लागू किया जाएगा। हालांकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की ओर से मान्यता हासिल सभी यूनिवर्सिटी और शैक्षिक संस्थान चाहे वे सरकारी हो या निजी उन्हें आरक्षण लागू करना होगा।
वहीं यह भी बताया जा रहा है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम जैसे अन्य प्रतिष्ठित उच्च शैक्षिक संस्थानों समेत देशभर में संस्थानों में करीब 10 लाख सीटें बढ़ानी होगी। उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण 2017-18 के अनुसार, देश में कुल 903 विश्वविद्यालय, 39000 से अधिक कॉलेज और 10,000 से अधिक संस्थान हैं।
बता दें कि लोकसभा में बिल पर कुल 326 सांसदों ने मतदान किया, जिनमें से 323 ने संशोधन का समर्थन किया, जबकि 3 सांसदों ने बिल का विरोध किया। यानी सवर्णों को आरक्षण देने वाला संशोधन बिल लोकसभा में उपस्थित सदस्यों के दो-तिहाई से ज्यादा बहुमत से पास हो गया। अब यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद आरक्षण का दायरा करीब 60 फीसदी हो जाएगा।