किताब-यूनिफार्म से वंचित हैं सैकड़ों बच्चे

Edited By pooja,Updated: 23 Oct, 2018 04:29 PM

hundreds of children deprived of uniform

इस अकादमिक सत्र में 7 महीने बीत गए हैं और राजधानी के सैकड़ों ईडब्ल्यूएस कोटे में पढऩे वाले बच्चों के माता-पिता पशोपेश में हैं क्योंकि उन्हें शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम

नई दिल्ली : इस अकादमिक सत्र में 7 महीने बीत गए हैं और राजधानी के सैकड़ों ईडब्ल्यूएस कोटे में पढऩे वाले बच्चों के माता-पिता पशोपेश में हैं क्योंकि उन्हें शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम 2009 के तहत कई निजी स्कूलों ने उनके बच्चों को मुफ्त किताबें, स्टेशनरी और वर्दी नहीं दी। 


जिसकी उन्होंने शिक्षा निदेशालय से लेकर कई एनजीओ में शिकायत की है। दिल्ली के मयूर विहार के एंग्लो इंडियन स्कूल में कक्षा 1 में पढऩे वाली बच्ची की 40 वर्षीय मां महीना 4 हजार रुपए कमाती हैं मगर फिर भी उनकी बेटी को भी स्कूल में कोई मुफ्त सुविधा नहीं मिली। अपने घर के खर्चे से कटौती कर उन्हें मजबूरन 8000 रुपए में बच्ची की ड्रेस और किताबें खरीदनी पड़ीं। इस मसले पर एंग्लो इंडियन पब्लिक स्कूल के अधिकारियों ने कहा कि वे मुफ्त वर्दी और स्टेशनरी वस्तुओं को उपलब्ध कराने में असमर्थ थे क्योंकि उन्हें अभी तक सरकार से कोई धन नहीं मिला था। स्कूल के प्रवक्ता चंदर सिंह ने कहा कि पिछले साल भी हमें प्रति छात्र केवल 1,125 रुपए ही मिले थे। 

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