Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jun, 2017 01:22 PM
यूपीएसई ने हल में ही अपने परीक्षा परिणामों की घोषणा की है।इस परीक्षा में नंदनी के आर ने ...
नई दिल्ली : UPSC ने हल में ही अपने परीक्षा परिणामों की घोषणा की है।इस परीक्षा में नंदनी के आर ने टॉप किया है, जबकि दूसरे स्थान पर अनमोल शेर सिंह बेदी और तीसरे स्थान पर गोपालकृष्ण रोनांकी हैं। देश भर के विभिन्न केंद्रों पर हर साल लाखों परीक्षार्थी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि आईएएस बनने के लिए सिर्फ परीक्षा पास करना ही जरुरी नहीं होता। एग्जाम में पास होने के बाद भी चयनित उम्मीदवारों को काफी कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है तब जाकर कहीं वह आईएएस बनने का अपना सपना पूरा कर पाते है। आज हम आपको बता रहे है कि परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को किस प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है ।
सिविल सेवा परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवार, जो आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईआरएस एवं केंद्रीय सेवाओं के वर्ग 'अ' के भावी अधिकारी होते हैं, को एक साथ मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में 4 महीने का आधारभूत प्रशिक्षण दिया जाता है।
आईएएस
आईएएस को कुल 21 महीने के ट्रेनिंग पीरियड से गुजरना पड़ता है। 4 महीने की बेसिक ट्रेनिंग, और 2 महीने की व्यावसायिक ट्रेनिंग दी जाती है । फिर इन्हें राज्य में 12 महीने का जिला प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद दोबारा मसूरी में 3 महीने का व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद इन्हें कैडर राज्य में फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है, जहां प्रोबेशन सदस्यों की तैनाती राज्य के मुख्य सचिव द्वारा की जाती है। इस दौरान जिला कलेक्टर की देखरेख में इन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण, राज्य सचिवालय में प्रशिक्षण दिया जाता है। कुल मिला कर प्रोबेशन के अंतर्गत 21 महीने का प्रशिक्षण चक्र चलता है। चयन के 6 से 8 वर्ष बाद ही ये पूर्ण रूप से जिला कलेक्टर बन पाते हैं।
आईएफएस
भारतीय विदेश सेवा के प्रोबेशन सदस्यों को 36 महीने तक ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में 4 महीने की बेसिक ट्रेनिंग, विदेश सेवा संस्थान नई दिल्ली में 12 महीने की ट्रेनिंग, जिसमें भारत दर्शन यात्रा भी शामिल होती है, 6 महीने तक विदेश मंत्रालय में आवश्यक ट्रेनिंग और 14 महीने का विदेश स्थित किसी भारतीय मिशन में भाषा प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रोबेशन के बाद विदेश मंत्रालय में नियुक्ति स्थायी तौर पर कर दी जाती है।
आईपीएस
आईपीएस की 4 महीने की बेसिक ट्रेनिंग राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में दी जाती है। इस संयुक्त बेसिक ट्रेनिंग के बाद इन्हें सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय अकादमी हैदराबाद भेजा जाता है, जहां इन्हें 12 महीने का व्यावसायिक प्रशिक्षण (प्रथम चरण) दिया जाता है। 8 महीने के लिए इन्हें राज्य में जिला स्तर का प्रशिक्षण दिया जाता है और इस अवधि में इन्हें बेसिक तकनीक जानने के लिए ग्रामीण थानों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है। व्यावसायिक प्रशिक्षण के दूसरे चरण में इन्हें 3 महीने गुजारने होते हैं। इस बीच इन्हें सेंट्रल स्कूल फॉर वैपंस एंड टैक्टिस में हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाता है। कुल मिला कर इनकी ट्रेनिंग अवधि 27 महीने की है। इसके बाद इन्हें वापिस कैडर राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में स्थायी नियुक्ति दी जाती है।
आईआरएस
अंतिम रूप से चयनित इस कैडर के उम्मीदवारों को अन्य के साथ ही 4 महीने का राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद इन्हें नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम, एक्साइज एंड नारकोटिक्स फरीदाबाद में ट्रेनिंग दी जाती है, जो 18 महीने चलती है। आईआरएस में ही डायरेक्ट टैक्स वाले उम्मीदवारों को नेशनल एकेडमी ऑफ डायरेक्ट टैक्स नागपुर में ट्रेनिंग दी जाती है, परंतु बेसिक ट्रेनिंग मसूरी में ही होती है।