Edited By Riya bawa,Updated: 10 Oct, 2019 02:50 PM
हर जीवन की कहानी एक सी नहीं होती...
नई दिल्ली: हर जीवन की कहानी एक सी नहीं होती, लेकिन किसी मोड़ पर कुछ ऐसा होता है जिससे पूरी कहानी बदल जाती है। बहुत से उम्मीदवार अपना ख्वाब पूरा करने के लिए वर्षों तैयारी करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में और बेहद कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर लेते हैं। इन्हीं होनहारों में से एक हैं दिल्ली की सौम्या शर्मा। जिंदगी में मुश्किलों से जूझते हुए किसी न किसी दिन सफलता हासिल करता है। यह कहानी है एक विकलांग कैंडीडेट की जिसने अपनी सुनने की क्षमता खोने के बावजूद 2017 में पहले अटेंप्ट में यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर किया।
बिना कोचिंग परीक्षा की पास
दिल्ली की सौम्या शर्मा ने 16 साल की उम्र में सुनने की क्षमता खो दी थी। वे सुनने के लिए aid machine पर निर्भर हैं, इसके बावजूद, यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जान क्रैक करने के लिए उनका दृढ़ संकल्प कभी कम नहीं हुआ। इतने बड़े दौर से गुजरते हुए सौम्या शर्मा ने 23 साल की छोटी उम्र में बिना किसी कोचिंग के सिविल सेवा परीक्षा दी।
सौम्या के अनुसार, UPSC परीक्षा क्रैक करना किसी भी अन्य परीक्षा को क्रैक करने जैसा ही था। हर एग्जाम की तरह यहां भी आपको योजना और अच्छी रणनीति की आवश्यकता होती है।
पढ़ाई और करियर
-सौम्या ने 2017 में दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलबी पूरी की। 2017 में ही उन्होंने UPSC सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। उसी साल उन्होंने UPSC प्रीलिम्स और UPSC मेन्स परीक्षा दी।
-सुनने की शक्ति में कमी के कारण सौम्या को विकलांग श्रेणी में शामिल किया गया लेकिन उन्होंने विकलांग कोटा के तहत यूपीएससी सिविल सेवा फॉर्म भरने से इनकार किया और सामान्य श्रेणी को चुना।
-स्कूलों के दिनों से, सौम्या ब्राइट छात्र थी और यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी करना उसके लिए कठिन नहीं था। परीक्षा देने के लिए कैंडीडेट्स का हर सब्जेक्ट का बेस मजबूत होना आवश्यक है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के दौरान सौम्या 102 वायरल बुखार से पीड़ित थी। एग्जाम सेंटर पर उनके साथ, उनके परेंट्स (दोनों डॉक्टर) थे।
ऐसे करें एग्जाम की तैयारी
यूपीएससी एग्जाम देने वाले कैंडीडेट्स को सौम्या की सलाह है कि हर दिन अखबार पढ़ें, मॉडल प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें और अपने वैकल्पिक विषय पर पकड़ बनाएं।