Edited By Riya bawa,Updated: 25 Sep, 2019 11:27 AM
‘द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया’...
नई दिल्ली,(अनामिका सिंह): ‘द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया’ (आईसीएआई) के आईटीओ स्थित मुख्यालय के बाहर दूसरे दिन भी छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। देशभर से आए करीब 4 हजार छात्रों ने जबरदस्त प्रदर्शन कर रिचेकिंग की मांग की। प्रदर्शनकारी शिक्षकों व छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए आईसीएआई के सचिव द्वारा बुलाया भी गया लेकिन यह बातचीत बेनतीजा साबित हुई। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि जब तक रिचेकिंग नहीं की जाएगी, तब तक रोजाना सुबह 11 से शाम 6 बजे तक प्रदर्शन को जारी रखा जाएगा। मालूम हो कि प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मई में हुई चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा में पास होने के बाद भी अधिकतर छात्रों को फेल कर दिया गया है।
प्रदर्शनकारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे सीए राजकुमार जोकि आईसीएआई के सदस्य व शिक्षक भी हैं, उन्होंने बातचीत के बाद बताया कि करीब 5 छात्रों की उत्तर पुस्तिका को लेकर गए थे। आईसीएआई के पदाधिकारियों ने उन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की और पाया कि वो सभी छात्र पास हैं लेकिन इसके बाद भी उन्हें फेल दिखाया गया है। प्रशासन का कहना है कि उनके प्रावधान में कापी के पुनर्मूल्यांकन का प्रावधान नहीं है जिसके बाद बातचीत बेनतीजा हो गई और छात्रों व शिक्षकों ने कहा कि जब तक रिचेकिंग का प्रावधान प्रारंभ नहीं किया जाएगा तब तक छात्र व शिक्षक प्रदर्शन करते रहेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में सीए प्रवीन शर्मा, सीए भंवर खुराना, सीए नीरज अरोड़ा, सीए संजय श्रॉफ, सीए सुनील शेट्टी सहित 3 विक्टिम छात्र भी मौजूद रहे। बता दें कि सीए के छात्रों द्वारा अपनी मांगों को लेकर नाम से सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू की गई है जो कि दूसरे दिन भी ट्रेंड करने वाली खबरों में टॉप 10 में शामिल रही।
कैसे होगा प्रावधान 39/4 में बदलाव
सीए राजकुमार ने बताया कि बदलाव करने के लिए कई स्टेज बनी हैं जिसमें सबसे पहले आईसीएआई की काउसिंल की मीटिंग बुलाई जाती है, जिसके बाद सरकार को सिफारिश की जाती है। वहां से कॉरपोरेट अफेयर व पार्लियामेंट में उसे टेबल किया जाता है। जिसके बाद आईसीएआई द्वारा बनाए गए प्रावधान 39/4 में बदलाव किया जा सकता है। हमारी मांग है कि यदि काउसिंल की मीटिंग बुलाकर सिफारिश को अगले चरण के लिए भेज दिया जाए तो भी हम प्रदर्शन समाप्त कर देंगे। उन्होंने कहा कि हमें कहा जा रहा है कि काउसिंल की मीटिंग बुलाने के लिए 14 दिन पूर्व संदेश देना पड़ता है। इसीलिए हम भी तब तक डटे रहेंगे जब तक मीटिंग नहीं बुलाई जाएगी।