Edited By Riya bawa,Updated: 16 Jun, 2020 12:46 PM
कोरोना वायरस के कारण दसवीं की बची हुई परीक्षाओं को छोड़ने का मौका छात्रों को दिया जा सकता है। दसवीं क्लास के बचे हुए पेपर को लेकर काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण दसवीं की बची हुई परीक्षाओं को छोड़ने का मौका छात्रों को दिया जा सकता है। दसवीं क्लास के बचे हुए पेपर को लेकर काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपना प्रस्ताव जमा करा दिया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि छात्र एग्जाम न देने का विकल्प चुन सकते हैं, ऐसी स्थिति में इंटरनल या प्री-बोर्ड मार्क्स के हिसाब से उनका रिजल्ट जारी किया जाएगा।
बॉम्बे हाई कोर्ट में अभिभावक की तरफ से ICSE 10वीं बोर्ड के बचे हुए एग्जाम रद्द करने की मांग की गई थी, जिसके जवाब में काउंसिल ने अपना ये प्रस्ताव कोर्ट में जमा कराया है। कोरोनावायरस महामारी के चलते लागू हुए लॉकडाउन की वजह से आईसीएसई बोर्ड के कुछ पेपर नहीं हो सके थे। CISCE ने ये बचे हुए पेपर 2 जुलाई से 12 जुलाई के बीच कराने का फैसला किया है। इन एग्जाम में करीब 2.8 लाख छात्रों के शामिल होने की संभावना है।
परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट ने सुनवाई में 2 विकल्प प्रस्तावित किए हैं-
पहला- नए शेड्यूल के अनुसार जुलाई में परीक्षा आयोजित करें।
दूसरा- इंटरनल असेसमेंट मूल्यांकन / प्री-बोर्ड परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर फाइनल परिणाम घोषित किया जाए।
कोरोना वायरस आने से पहले ये 10वीं की परीक्षाएं 27 फरवरी से 30 मार्च के बीच निर्धारित की गई थीं, लेकिन COVID-19 के डर से 19 मार्च से परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं।