पढ़ाई को साथ- साथ काम करना चाहते है तो यह देश है बेस्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jul, 2017 07:39 PM

if you want to work together with studies  this country is the best

हुत सारे लोगों का सपना होता है कि वह विदेश जाकर पढ़ाई करें। लेकिन कई बार आर्थिक....

नई दिल्ली: बहुत सारे लोगों का सपना होता है कि वह विदेश जाकर पढ़ाई करें। लेकिन कई बार आर्थिक स्थिति को देखते हुए बहुत सारे लोग अपने इस सपने को पूरा नहीं कर पाते। लेकिन आज कल के बढ़ते पार्ट टाइम वर्क कल्चर को देखते हुए अब विदेश जाकर पढ़ना आसान हो गया है। कई   स्टूडेंट्स क्लास के बाद पार्ट टाइम जॉब करना पसंद करते है। जिससे उनकी छोटी-मोटी जरूरतों का खर्च निकाला जा सके। भारत में भी यह ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन विदेशों में कई ऐसे यूनिवर्सिटी और संस्थान है जहां आप पढ़ते है वहीं संस्थान आपको पार्ट टाइम नौकरी की ऑफर देने लगे है। यूएस या दूसरें विकसित देशों में अर्न व्हाइल यू लर्न का केवल चलन ही नहीं हा बल्कि वहां के लोग इसे अहमियत भी देते हैं। अर्न व्हाइल यू लर्न का फायदा सिर्फ स्टूडेंट्स को ही नहीं हो रहा, इससे सीमित अवधि के लिए रोजगार देने वाले भी दोहरा लाभ कमा रहे हैं। यह ट्रेंड उन छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है, जो पढऩे के लिए विदेश का रुख करते हैं।

इन देशों में अर्न व्हाइल यू लर्न का कॉन्सेप्ट 

फ्रांस

यहां अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स को काम करने की इजाजत है, मगर शर्त यह है कि उनका संस्थान नेशनल स्टूडेंट हेल्थकेयर प्लान में शिरकत करता हो। फ्रेंच कानून के तहत स्टूडेंट्स को साल में 964 घंटे काम करने की छूट है।

जर्मनी
अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स, जो ईयू या ईईए देशों के बाहर के छात्र हैं, उन्हें साल में 120 फुल या 240 हाफ डे काम करने का मौका मिल जाता है। अगर कोई स्टूडेंट्स यहां निर्धारित काम के घंटों से अधिक काम करना चाहता है तो उसके लिए उसे संबंधित डिपार्टमेंट से इजाजत लेनी होती है। साथ ही यदि छात्र का कोर्स व कार्य की प्रकृति एक ही है तो उसे काम के असीमित घंटे मिलते हैं।

न्यूजीलैंड
यहां 'वेरिएशन ऑफ कंडीशन के तहत पढ़ाई करते हुए 20 घंटे प्रति सप्ताह तक काम करने की आजादी होती है, मगर उसके लिए उनकी कुछ शर्तों को मानना पड़ता है।

कनाडा
यहां अंतरराष्ट्रीय छात्रों को कैम्पस में काम करने की पूरी छूट है, मगर ऑफ कैम्पस के लिए वर्क परमिट प्रोग्राम के अनुसार ही चलना पड़ता है। नियमित सैशन के दौरान जहां 20 घंटे प्रति सप्ताह काम किया जा सकता है, वहीं विंटर और समर ब्रेक के दौरान फुल टाइम काम करने की इजाजत होती है।

सिंगापुर
यहां अंतरराष्ट्रीय छात्रों को पढ़ाई के साथ या छुट्टियों में काम की इजाजत नहीं होती, लेकिन इसके लिए एम्प्लॉयमेंट ऑफ फॉरेन मैनपावर विभाग से वर्क पास की अनुमति ली जा सकती है। हालांकि कुछ स्कूल्स में 14 वर्ष से बड़े छात्रों को काम करने की छूट है।

यूनाइटेड किंगडम
बैचलर डिग्री और उससे ऊपर के छात्रों को प्रति सप्ताह 20 घंटे काम करने की इजाजत है। इसके अलावा छुट्टियों के दौरान फुलटाइम वर्क किया जा सकता है।
वहीं बैचलर डिग्री से नीचे के छात्रों को सिर्फ 10 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की इजाजत मिलती है।

आयरलैंड
ऐसे अंतरराष्ट्रीय छात्र, जो ईईए देशों से बाहर के हैं और जो यहां किसी मान्यताप्राप्त संस्थान से कम से कम एक साल का पूर्णकालिक कोर्स कर रहे हैं, वे 20 घंटे प्रति सप्ताह तक का पार्ट टाइम रोजगार पा सकते हैं।

इटली
अगर किसी अंतरराष्ट्रीय छात्र के पास स्टडी वीजा है और इटली में रहते हुए उसे 90 दिन से अधिक हो चुके हैं तो ऐसी स्थिति में वह रेजिडेंस परमिट के लिए आवेदन कर सकता है। रेजिडेंस परमिट के बाद वह 20 घंटे प्रति सप्ताह की पार्ट टाइम जॉब कर सकता है।

स्विट्जरलैंड
यहां ईयू/ईएफटीए देशों से बाहर के अतरंराष्ट्रीय छात्रों के लिए 15 घंटे प्रति सप्ताह का रोजगार पाने की इजाजत है। पर यह जरूरी है कि उन्हें यहां रहते हुए कम से कम छह माह का न्यूनतम समय हो चुका हो। हालांकि पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है।

यूनाइटेड स्टेट्स
अंतरराष्ट्रीय छात्र, जिन के पास एफ -1 वीजा है, उन्हें ऑफ कैम्पस जॉब करने की इजाजत नहीं है। किसी खास केस में ही यह इजाजत मिलती है। एक साल के बाद यूएससीआईएस से काम करने की इजाजत मिल सकती है। यहां सिर्फ कैम्पस में 20 घंटे प्रति सप्ताह सैशन के समय और 40 घंटे प्रति सप्ताह छुट्टियों के दौरान काम करने के लिए इजाजत नहीं लेनी होती।

आस्ट्रेलिया
 छात्रों को यहां अधिकतम 40 घंटे प्रति पखवाड़े तक काम करने से नहीं रोका जाता। वहीं छुट्टियों में काम करने के घंटों पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

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