Edited By bharti,Updated: 24 Oct, 2018 06:43 PM
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) - मद्रास ने यूजीसी से अधिकार प्राप्त चयन समिति की सिफारिश...
नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) - मद्रास ने यूजीसी से अधिकार प्राप्त चयन समिति की सिफारिश के बावजूद उत्कृष्ट संस्थानों की सूची में खुद को शामिल नहीं किए जाने को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिख कर निराशा जाहिर की है। सूत्रों के मुताबिक आईआईटी मद्रास ने दलील दी है कि जिन विभिन्न मानदंडों पर संस्थानों को चयनित किया गया है, उस पर वह खरा उतरता है और उत्कृष्ट संस्थानों की सूची (इंस्टी्टयूट ऑफ एमिनेंस) की दौड़ में उसे नजरअंदाज किए जाने का असर छात्रों और शिक्षकों के मनोबल पर पड़ा है।
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने जुलाई में यह दर्जा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के तीन - तीन संस्थानों को दिया था। इसके तहत इन संस्थानों को खुद को विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय के रूप में तब्दील करने के लिए पूर्ण स्वायत्ता और विशेष प्रोत्साहन राशि मिलेगी।मंत्रालय अगले पांच साल में सार्वजनिक क्षेत्र के तीन संस्थानों को 1,000 करोड़ रूपये का अनुदान देगा, जबकि निजी संस्थान सरकारी अनुदान प्राप्त नहीं कर सकेंगे।
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के तहत आने वाले आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुंबई और बेंगलुरू स्थिति आईआईएससी तथा निजी क्षेत्र में आने वाले मणिपाल एकेडमी, बिट्स पिलानी और रिलायंस फाउंडेशन द्वारा स्थापित किए जाने वाले जियो इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिया है। जियो इंस्टीट्यूट को यह दर्जा देने के फैसले की विभिन्न हलकों द्वारा आलोचना की गई है। दरअसल, इस संस्थान की स्थापना होनी अभी बाकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कुछ खास निजी कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है हालांकि, मंत्रालय ने बाद में