Edited By Sonia Goswami,Updated: 02 Jul, 2018 12:08 PM
पंजाब में विद्यार्थी मतदान के मुद्दे पर पुलिस अफसरों का लापरवाह रवैया सामने आया है।
चंडीगढ़ः पंजाब में विद्यार्थी मतदान के मुद्दे पर पुलिस अफसरों का लापरवाह रवैया सामने आया है। सूत्रों का बताना है कि सीनियर आधिकारियों समेत बहु संख्या जिला पुलिस मुखिया ने भी विद्यार्थी मतदान न कराए जाने की बात कही है। यह मामला शुक्रवार को डीजीपी सुरेश अरोड़ा का अध्यक्षता में फिलौर में हुई मीटिंग दौरान सामने आया है। डीजीपी ने पुलिस आधिकारियों से विद्यार्थी मतदान सम्बन्धित राय मांगी तो ज़्यादातर पुलिस आधिकारियों ने मतदान का विरोध करते अपराध बढ़ने की बात कही। पटियाला रेंज के आईजी अमरदीप सिंह राय ही अकेले ऐसे पुलिस अधिकारी थे, जिन्होंने विद्यार्थी मतदान कराए जाने की वकालत की। श्री राए ने कालेजों और यूनिवर्सिटियों में विद्यार्थी यूनियनों की मतदान को लोकतंत्र के लिए शुभ
संकेत करार दिया। मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने विधानसभा में संबोधन दौरान पंजाब में विद्यार्थी मतदान कराए जाने का ऐलान किया था। कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले विद्यार्थी मतदान का वायदा भी किया था।
डीजीपी ने मीटिंग का आम एजैंडा खत्म होने के बाद विद्यार्थी मतदान की बात करते कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से विद्यार्थी यूनियनों के चुनाव कराए जाने की तैयारियां की जा रही हैं। इस लिए जिला पुलिस प्रमुख इन चुनावों सम्बन्धित अपनी सलाह दें। सुरेश अरोड़ा की तरफ से इस सवाल के बाद बहु संख्या एसएसपीज़ ने कहा कि विद्यार्थी यूनियनों के चुनाव के साथ अपराध ही नहीं बढ़ेगा बल्कि गैंगस्टर गतिविधियों में भी विस्तार हो सकता है। एक सीनियर अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते बताया कि जिला पुलिस मुखियों की तरफ से विद्यार्थी चुनाव का अमल फिर से शुरू होने साथ अपराध बढ़ने की बात तो कही गई परन्तु कोई ठोस दलील नहीं दी गई। सूत्रों का यह भी कहना है कि जिला पुलिस मुखियों और दूसरे पुलिस आधिकारियों की
तरफ से दी गई इस ‘फिड्ड बैक ’ को डीजीपी सुरेश अरोड़ा की तरफ से सरकार के साथ सांझा किया जाएगा जिससे मतदान से पहले सभी पहलूयों पर विचार किया जा सके।