सरकार की ओर से लगातार शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग की घटनाओं को रोकने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ...
नई दिल्ली : सरकार की ओर से लगातार शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग की घटनाओं को रोकने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन फिर भी इस तरह की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। सरकार ने स्वीकार किया है कि देश भर के निजी और सरकारी शिक्षण संस्थानों में रैगिंग की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है और 2017 में ऐसे मामलों की संख्या 901 थी जो 2018 में बढ़कर 1010 हो गयी। 2016 में ऐसे मामलों की संख्या 515 थी।

मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि 2018 में रैगिंग के सबसे ज्यादा 178 मामले उत्तर प्रदेश में सामने आए है।वहीं जबकि पश्चिम बंगाल में 119, मध्य प्रदेश में 104 और केरल में 63 मामले सामने आए। उत्तर प्रदेश में 2017 में 143 और 2016 में 93 मामले सामने आए थे। उन्होंने कहा कि कुछ संस्थाओं ने रैगिंग की शिकायतें प्राप्त करने के बाद लापरवाही बरती हैं और यूजीसी ऐसी संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी करता है।
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