Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Mar, 2018 06:27 PM
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संकलित किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से बीते पांच साल में आईआईटी संस्थानों में ...
नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संकलित किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से बीते पांच साल में आईआईटी संस्थानों में खाली रहने वाली सीटों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है जबकि आईआईटी बीएचयू में सबसे ज्यादा सीटें खाली हैं। वर्ष 2014 को छोड़ कर बीते पांच बरस में प्रमुख संस्थानों में खाली रहने वाली सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की प्रवृति है। इस वजह से मंत्रालय को एक पैनल का गठन करना पड़ा जिसने मुद्दे से निपटने के लिए कई सिफारिशें की हैं। गत वर्ष गठित की गई समिति ने इस साल शुरू में अपनी रिपोर्ट जमा की।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, सभी आईआईटी में करीब11,000 सीटें हैं जिनमें2013 से274 खाली पड़ी हैं जिनमें2013 में15, 2014 में पांच, 2015 में 39, 2016 में 96 और 2017 में 121 खाली सीटें शामिल हैं। जहां तक आईआईटी बीएचयू का संबंध है तो23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में2013 से सबसे ज्यादा सीटें यहीं खाली हैं। इसमें2017 में 32, 2016 में 38, 2015 में28, 2014 में तीन और 2013 में चार सीटें खाली रही थीं।इंडियन स्कूल ऑफ माइंस( इसे2016 में आईआईटी का दर्जा दिया गया था) इसमें2016 और2017 में23-23 रिक्तियां थीं।
आईआईटी कानपुर और आईआईटी हैदराबाद में2013 से2017 के बीच कोई सीट खाली नहीं रही जबकि आईआईटी दिल्ली में2013 से2015 के बीच एक भी सीट रिक्त नहीं रही। वर्ष2016 और2017 में आईआईटी दिल्ली में दो- दो सीटें खाली रही थी। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईआईटी, एनआईटी और केंद्र द्वारा वित्तपोषित अन्य प्रौद्योगिकी संस्थानों में सीटें खाली रहने की संख्या को न्यूनतम करने के लिए मानव संसाधन मंत्रालय ने एक समिति गठित की है ताकि वह उचित उपायों की सिफारिश कर सके।