देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहल: उत्कृष्ठ शिक्षण संस्थाओं के लिये आवेदन की तारीख बढ़ी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 05:00 PM

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देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की पहल के तहत सरकार ने 20 उत्कृष्ठ शिक्षण संस्थाओं के चयन के संबंध में ...

नई दिल्ली : देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की पहल के तहत सरकार ने 20 उत्कृष्ठ शिक्षण संस्थाओं के चयन के संबंध में आवेदन की तिथि को 22 फरवरी तक बढ़ा दिया है । मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि उत्कृष्ठ शिक्षण संस्थान के चयन के संबंध में आवेदन की तिथि को बढ़ा दिया गया है और अब इस योजना में हिस्सा लेने के लिये 22 फरवरी 2018 तक आवेदन किया जा सकता है।

इस योजना के अनुरूप पहले दिसंबर, 2017 तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इसके लिए देश भर से कुल सौ आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें आवेदन करने वालों में सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत दस केंद्रीय विश्वविद्यालय, पच्चीस राज्य विश्वविद्यालय, छह मानद विश्वविद्यालय, बीस राष्ट्रीय महत्व के संस्थान और छह अन्य संस्थान सम्मिलित हैं। निजी क्षेत्र के अंतर्गत नौ निजी विश्वविद्यालयों और सोलह मानद विश्वविद्यालयों ने ब्राउनफील्ड श्रेणी (पुरानी सुविधा)  और आठ संस्थानों ने ग्रीनफील्ड श्रेणी (नई सुविधा विकास) के अंर्तगत आवेदन किया। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने हाल ही में कहा था कि विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनने वाले श्रेष्ठ संस्थानो के प्रस्ताव को जबरदस्त समर्थन मिलना देश में उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को और सशक्त करता है।  

मंत्रालय का मानना है कि विश्व के कई देशो में इस प्रकार से विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों का सृजन हुआ है और अब देश में भी ऐसा ही हो रहा है। श्रेष्ठ संस्थानों के चयन से न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि इससे संपूर्ण शिक्षा क्षेत्र प्रतियोगिता के लिए प्रेरित होगा।  इस उद्धेश्य के लिए गठित अधिकार संपन्न विशेषज्ञ समिति द्वारा चयन चुनौती प्रक्रिया से किया जाएगा। चयनित बीस संस्थानों को ‘‘श्रेष्ठ संस्थान’’ में रखा जाएगा और इन्हें विश्व स्तरीय संस्थान बनने के लिए अपनी कार्यप्रणाली चुनने की स्वतंत्रता होगी।  

इस संस्थानों को कई क्षेत्रो में अधिक स्वायत्तता प्रदान की जाएगी। इसमें कुल प्रवेश दिए गए छात्रो में से 30 प्रतिशत तक विदेशी छात्रों को प्रवेश देना, कुल शैक्षणिक पदों में 25 प्रतिशत तक विदेशी अध्यापक, कुल कार्यक्रमों के 20 प्रतिशत तक आनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करना होगा ।  चुने गए संस्थान बिना किसी बाधा के विदेशी छात्रों के संबंध में शुल्क निर्धारित कर सकेंगे, साथ ही इन्हें क्रेडिट घंटों के संबंध में पाठ्यक्रम के ढांचे और डिग्री प्राप्त करने के लिए अवधि को लचीला बना सकेंगे । इन्हें पाठ्यक्रम निर्धारित करने में पूर्ण स्वतंत्रता सम्मिलित है।  इस योजना से भारतीय छात्रो को देश में ही विश्वस्तरीय शिक्षा और अनुसंधान सुविधा प्राप्त हो सकेगी।
 

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