Edited By pooja,Updated: 22 Nov, 2018 11:56 AM
देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार की संस्कृति को व्यवस्थित ढंग से प्रोत्साहित करने के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बुधवार को अखिल भारतीय तकनीकी
नई दिल्ली: देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार की संस्कृति को व्यवस्थित ढंग से प्रोत्साहित करने के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बुधवार को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) में एक ‘नवोन्मेष प्रकोष्ठ’ स्थापित किया।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंत्रालय के नवोन्मेसष प्रकोष्ठ के ‘प्रतिष्ठान की नवोन्मेष परिषद ’कार्यक्रम की शुरूआत की । मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, इसका उद्देश्य देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार की संस्कृति को व्यवस्थित ढंग से प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर जावड़ेकर ने कहा कि यह देश में नवाचार को संस्थागत बनाने और एक वैज्ञानिक प्रकृति विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठान की नवोन्मेष परिषद (आईआईसी) का नेटवर्क बनाने का उद्देश्य युवा छात्रों के रचनात्मक वर्षों में उनकी अछ्वुत कल्पनाओं और कार्य विधियों को प्रर्दिशत करके उन्हें प्रोत्साहित, प्रेरित और विकसित करना है। जावड़ेकर ने बताया कि 1000 से अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों ने पहले से ही अपने परिसरों में आईआईसी का गठन कर लिया है और मंत्रालय के नवोन्मेष प्रकोष्ठ द्वारा व्यवस्थित आईआईसी नेटवर्क के लिए नामांकित किया है।
मंत्री ने कहा कि अब भारतीय विश्वविद्यालय भी संस्थान के नवोन्मेष परिषद कार्यक्रम के जरिए अनुसंधान केन्द्र स्थापित कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस पहल के जरिए अगले दो-तीन वर्षों में वैश्विक नव-परिवर्तन रैंकिंग में अच्छे रैंक तक पहुंच सकते हैं। जावड़ेकर ने कहा कि उच्च शिक्षा में शैक्षणिक ²ष्टि से तभी आगे बढ़ा जा सकता है जब हम नवोन्मेष में सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणालियों को प्रोत्साहित करें, अनुसंधान को आगे बढ़ाएं। नवोन्मेष प्रकोष्ठ ने इस दिशा में अनेक पहल की हैं जैसे नवोन्मेष उपलब्धि पर संस्थानों की अटल रैंकिंग (एआरआईआईए), स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआईएच)-2019 आदि जैसे कार्यक्रमों को लागू किया गया है।